भोपाल में भूजल की ​स्थिति एवं प्रबंधन

Submitted by Anonymous (not verified) on Thu, 03/10/2016 - 16:42
नाम
अमित सोनी
फोन न.
9589053630
ईमेल
amitsoni069@gmail.com
फेसबुक आईडी
amitsoni069@gmail.com
डाक पता/ Postal Address
53, सावन नगर, लाल घाटी, हलालपुर बस स्टैंड, भोपाल—4602030 (म.प्र.)
Language
हिंदी
Story Idea Theme
शहरी क्षेत्र में पानी की समस्या और प्रबन्धन (Urban Waters)
Story Language
4 - हिन्दी
भोपाल में भूजल की ​स्थिति एवं प्रबंधन
 
भोपाल शहर में भूजल की स्थिति बेहद खराब होती जा रही है। पानी के अंधाधुंध दोहन के साथ ही जल संरक्षण की कोई कारगर नीति नहीं होने की वजह से भोपाल शहर में पीने के पानी की समस्या साल-दर-साल गंभीर होती जा रही है। 23 लाख आबादी के सामने पीने के पानी का संकट खड़ा हो गया है। शहर में सिर्फ 2.3 प्रतिशत ही भूजल पीने योग्य बचा है। पृष्ठीय जल के दूषित होकर भूजल में मिलने से शुद्ध जल की गुणवत्ता और कम होती जा रही है। अगर समय रहते इसे दूषित होने से नहीं रोका गया तो यहां के लोग पानी खरीदकर पीने को मजबूर हो जाएंगे। भोपाल शहर में छोटे-बड़े मिलाकर 18 तालाब हैं। इनमें से 17 तालाबों का पानी दूषित हो चुका है। 285 किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस शहर में गंदे पानी के लिए ट्रीटमेंट के लिए 2.6 प्रतिशत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए गए हैं जो नाकाफी हैं। जबकि 100 प्रतिशत रिसाइकिल प्लांट होने चाहिए। प्लांट न होने से 97.4 प्रतिशत शहर का मल-मूत्र सीधे तालाबों और आसपास की नदियों मेें मिल रहा है जो लगातार भूजल को खराब कर रहा है। अंदर हबीबगंज 30, गोविंदपुरा में 250 और मंडीदीप में 1100 औद्योगिक र्इ्काइयां हैं। इन औद्योगिक फर्मों और आसपास से निकलने वाला सर्फेस वॉटर सीवेज छोटी नदियों के रूप में बह रहा है। औद्योगिक फमों के द्वारा जल स्चच्छता के क्या प्रबंध किए जा रहे हैं। दूसरी तरफ भानपुर क्षेत्र जहां अवैज्ञानिक तरीके से शहर का कचरा डाला जा रहा है उससे वहां के क्षेत्र से जमीने में रिसने वाले पानी में चार गुना ज्यादा हार्डनेस 2000, फलोराइड 4000 और टीडीएस 8400 के मानक स्तर पर पहुंच चुका है जो जमीन के नीचे पहुंचकर श़ुद्ध जल की गणुवत्ता को खराब कर रहा है। भोपाल में 35000 से ज्यादा बोरवेल और 1500 से ज्यादा हैंडपंप हैं। शहर में हर घंटे जल भूजल स्रोतों से 4000 से ज्यादा पानी ​निकाला जा रहा है। भविष्य में 2030 तक शहर में 150 से ज्यादा एमएलडी वॉटर प्रोडक्शन की जरूरत होगी। 
   मेरी रिपोर्ट भूजल के कारकों पर अधारित होगी ताकी ये पता लगाया जा सके कि वे कौन से तत्व हैं जो ज्यादा भूजल की गुणवत्ता को खराब कर रहे हैं। नए शहर में कोलार, शाहपुरा, मंडीदीप और भानपुर की कचरे की खंतियों के पास वाले क्षेत्र के भूजल की शुद्धता को लेकर किए जाने वाले उपाय किए जा रहे हैं। किन एरिया में पानी ज्यादा खराब है यह पता लगाना होगा। इन इलाकों में पानी का खर्च कितना है यहां स्वच्छ जल प्रबंधन के क्या-क्या उपाय हो सकते हैं। भोपाल क्षेत्र से लगी फैक्ट्रियों के आस-पास स्वच्छ जल की क्या स्थिति हैं। इनसे कौन से रसायन जमीन के अंदर पानी में इनकी मात्रा को बढ़ा रहे हैं। पानी में आयरन और नाइट्रेट बढऩे के क्या कारण हैं। इनके रोकथान के लिए क्या उपाया किया जा सकते हैं।
हम क्या करेंगे 
— भोपाल में 2030 तक भूजल की खपत कितनी हो जाएगी।
— जल स्वच्छता को लेकर यहां पढऩे वाले छात्रों के द्वारा किस तरह के नवाचार किए जा रहे हैं। 
— औदृयोगिक फर्मों के द्वारा सर्फेस वॉटर को लेकर क्या प्रबंधन किए जा रहे हैं।
— सरकार की स्मार्ट सिटी को लेकर नगरीय निकाय की क्या व्यवस्था होगी। म्युनसिपल स्वच्छ पेयजेल की आपूर्ति और सफाई को लेकर किस तरह की योजना बनाकर काम करेगी।
— भोपाल शहर से लगे गावों में भूजन स्तर को बढ़ाने के ​क्या उपाय हो सकते हैं और क्या किए जा रहे हैं  
 
 
                                                                                                               
                                                                                                            अमित सोनी
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3-शहरी क्षेत्र में पानी की समस्या और प्रबंधन