देवास शहर पानी की समस्या के लिए खास तौर पर देशभर में पहचाना जाता है. चाहे ट्रेन से पहली बार यहाँ पानी लाने की बात हो, सवा सौ किमी दूर से नर्मदा पानी लाने की हो या रूफ वाटर हार्वेस्टिंग के सफल माडल की. यहाँ समुद्र सतह से 2044 फीट ऊंची टेकरी से बारिश का लाखों गैलन पानी हर साल व्यर्थ बह जाता है, जबकि रियासतकाल में इसका अपना व्यवस्थित और चरणबद्ध प्रबन्धन रहा था. यहाँ की सैकड़ों छोटी - बड़ी जल संरचनाओं और कुछ तालाबों को भी खत्म कर दिया गया है. तब यहाँ 79 तालाब,872 कुँए 40 बावड़ियां और ढाई सौ औढियाँ थी. जल संरचनाएं बनाने के लिए रियासत किसानों को ऋण देती थी. कभी यहाँ का प्राकृतिक वैविध्य इतना था कि कुमार गंधर्व को टीबी होने पर यहाँ स्वच्छ हवा के लिए दूर कर्नाटक से लाया गया था. पर आज सब उजाड़ - उसर होता जा रहा है. पानी रिसाने वाले तालाब और अन्य संरचनाओं पर अतिक्रमण हो जाने से बरसाती पानी धरती की कोख तक नहीं जा पा रहा. इससे यहाँ का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. बीते 35 सालों से यह शहर हर साल गर्मियों में बाल्टी - बाल्टी पानी को मोहताज होता जा रहा है. सत्तर के दशक में औद्योगिकीकरण की वजह से बेतहाशा आबादी बढने से शुरू हुआ यह संकट अब दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है. यहाँ सवा सौ किमी दूर नर्मदा से देश में पहली बार निजीकरण के जरिए पानी देवास लाया गया. 17 साल पहले यहाँ देश के सबसे सस्ते रूफ वाटर हार्वेस्टिंग की भी शुरुआत हुई, जिसे बाद में पूरे देश में अनिवार्य कर लागू किया गया. शहर के पास से बहने वाली नागधम्मन नदी नाले में बदल गई है और इसमें फैक्ट्रियों का जहर उंडेला जा रहा है. फिलहाल यहाँ क्षिप्रा नदी के बाँध से पानी आ रहा है. इसके अलावा नर्मदा के तीसरे चरण में इंदौर को मिले पानी से भी आता है. एक हिस्से में राजानल तालाब और शाजापुर जिले के लखुन्दर बाँध से भी पानी पिलाया जा रहा है. फिर भी लोगों को तीन से चार दिन में पानी मिल पाता है. देवास पर अध्ययन इसलिए भी जरुरी है कि उन वजहों की पड़ताल हो सके जिसने इस पानीदार शहर को बेपानी बनने को मोहताज कर दिया और इसलिए भी कि यह अध्ययन देश के तमाम अन्य शहरों के लिए भी एक तरह की चेतावनी और चुनौती की तरह सामने आ सके. अब इतने संकट के बाद प्रशासन व लोग जागे हैं और यहाँ पानी बचाने के लिए बड़े स्तर पर जमीनी कारगर काम किए जा रहे हैं.
नाम
मनीष वैद्य
फोन न.
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ईमेल
manishvaidya1970@gmail.com
फेसबुक आईडी
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डाक पता/ Postal Address
11 ए, मुखर्जीनगर, पायनियर स्कूल चौराहा, देवास (मप्र) पिन 455 001
Language
हिंदी
Story Idea Theme
शहरी क्षेत्र में पानी की समस्या और प्रबन्धन (Urban Waters)
Story Language
4 - हिन्दी
Story Theme
शहरी क्षेत्र में पानी की समस्या और प्रबन्धन