बीजांड
पुष्पी पादपों की स्त्री बीजाणुधानी जो निषेचन और परिवर्धन के उपरांत बीज बनाती है। कवच (इन्टेगुमेंट) से आवृत बीजांडकाय (न्यूसेलस) में स्थित इसका प्रधान अंग भ्रूणपोष संरचना की दृष्टि से गुरू बीजाणु (मेगास्पोर) होता है। पराग नलिका के आगमन के हेतु इसके सिरे पर द्वार होता है जिसे बीजांडद्वार कहते हैं। इसका आधारीय भाग निभाग (कैलाजा) बीजांडवृत (फ्यूनिकल) से जुड़ा रहता है।
पुष्पी पादपों की स्त्री बीजाणुधानी जो निषेचन और परिवर्धन के उपरांत बीज बनाती है। कवच (इन्टेगुमेंट) से आवृत बीजांडकाय (न्यूसेलस) में स्थित इसका प्रधान अंग भ्रूणपोष संरचना की दृष्टि से गुरू बीजाणु (मेगास्पोर) होता है। पराग नलिका के आगमन के हेतु इसके सिरे पर द्वार होता है जिसे बीजांडद्वार कहते हैं। इसका आधारीय भाग निभाग (कैलाजा) बीजांडवृत (फ्यूनिकल) से जुड़ा रहता है।