सदी का सबसे बड़ा पलायन

Submitted by Anonymous (not verified) on Wed, 02/24/2016 - 18:58
नाम
अभय मिश्र
फोन न.
9871765552
ईमेल
findabhay@gmail.com
फेसबुक आईडी
Abhay Mishra
डाक पता/ Postal Address
365, Pocket 5, Mayur Vihar Phase 1, New Delhi -91
Language
हुिंदी

जब नदी अवतरित हुई तो उसके किनारे समाज बसा और विकसित हुआ, अब जब नदी जा रही है तो मनुष्य भी पलायन कर रहा है। गंगा पथ पर वाराणसी, गाजीपुर, बलिया से लेेकर मालदा तक का क्षेत्र सदी का भीषणतम पलायन झेल रहा है। इस बड़ी आबादी को रोकने के लिए घोषित तौर पर कोई भी सरकारी पहल नहीं की जा रही है। आर्सेनिक युक्त पानी की जांच के लिए बनाई गई लैब भ्रष्टाचार का एक नमूना भर है । जहां भेजी गई आरटीआई का एक भी जवाब नहीं आया। वहां जाकर देखने से आर्सेनिक जैसी  विकराल समस्या के प्रति सरकारी सोच का नमूना देखने  जानने को मिलेगा । उत्तरप्रदेश सिंचाई विभाग ने आर्सेनिक प्रभावित नलकूपों को और भी ज्यादा गहरा करना शुुरु किया है, इस तरह से हैंडपंपों की गहराई कार्बन लेयर तक पहुंच गई है । इससे कुछ हद तक तो आर्सेनिक युक्त पानी से मुक्ति मिल गई लेकिन ग्रामीण भारत की सच्चाई ये है कि लोग सार्वजनिक हैंडपंपों का नहीं अपने निजी हैंडपंप का पानी ही पीते हैं। यह सरकारी सरोकार भी नहीं है कि वो लाखों हैंडपंपों को गहरा करे। कुंओं को लेकर भी जागरूकता जीरो है जबकि वैज्ञानिक तौर पर साबित हो चुका है कि सूर्य की किरणों के प्रभाव से कुंए के पानी में आर्सेनिक नहीं रहता । 

इस स्टोरी में हम इसी पलायन कर रही आबादी की सच्ची तस्वीर दुनिया को दिखाना चाहते है कि हालात किस कदर बिगड़़ रहे हैं।  बेहद गरीबी के चलते ये आबादी अपने खेतों को छोड़कर दक्षिण राज्यों में खेतीहर मजदूर बनने को मजबूर है। एक बड़ी आबादी दिल्ली और कोलकाता में रिक्शा चलाते हुए भी नजर आ जाएगी। 

हजारों गांव के हालात ऐसे है - जहां पीढ़ियां गुजरी वहां ताले लटक रहे हैं , दिल्ली के एम्स में भी आर्सेनिक पीडितों की संख्या में खतरनाक बढ़ोत्तरी हुई है। 

Story Theme
Arsenic