लखनऊ के पड़ोसी जिले बहराइच के कई गांवों में आर्सनिक वॉटर आ रहा है। इसकी पुष्टि जापान की यूनीवर्सिटी ऑफ मियाजॉकी और गैरसरकारी संस्था ईको फ्रेंडस ने मिलकर की। बहराइच के नेवादा और चेतरा गांव में चले पांच साल तक के सर्वे में सामने आया कि यहां के पानी में आर्सेनिक की मात्रा है। खास बात यह सामने आई कि जो हैंडपंप सरकार ने लगवाए हैं उनमें आर्सेनिक का लेवल 250 PPB पाई गई। इस रिपोर्ट को जिला प्रशासन से लेकर यूपी जल निगम और आला अधिकारियों से शेयर किया गया। उदसके बाद सरकार ने एक्टिव होकर गांवों में सरकारी हैंडपंप में डिजिटल आर्सेनिक वॉटर किट लगवा दी। जो कि जिले के एक हजार से ज्यादा हेंडपंप में लगवाई गई। लेकिन सरकार की लापरवाही से अब ज्यादातर जगहों पर ये किट खराब हो गई। लोग अब फिर से वही आर्सेनिक वॉटर पीने को मजबूर है।
इन प्वाइंट्स पर खबरें हो सकती है।
1 बहराइच के जिन इलाकों में आर्सेनिक पाया गया वहां की ग्राउंड रिपोर्ट। अब क्या है हालात। क्यों सरकार ने आर्सेनिक की पुष्टि होने के बाद इसको सीरियसली नहीं लिया।
2 हैंड पम्प के अलावा वॉटर के और कौन कौन से सोर्सेज के नमूने लिए गए। कितना आर्सेनिक पाया गया उस पानपी पानी में। किस तरह से उसका उपयोग कर रहे हैं गांव वाले।
3 पानी में आर्सेनिक की मात्रा का किस तरह के दुष्प्रभाव पड़ रहा है। गांव के प्रधान से लेकर पंचायतों तक से बातचीत कि वो क्या कर रहे हैं अपने स्तर पर। जिला प्रशासन, ब्लॉक प्रशासन और ग्राम पंचायत ने क्या किया।
4 जापान की जिस यूनीवर्सिटी और एनजीओ ने काम किया उससे बातचीत। इसके अलावा बांग्लादेश से लेकर लखनऊ केे उन डॉक्टरों से बातचीत जिन्होंने गांवों में जाकर कैंप किया और इसकी गंभीरता से लोगों बताया। क्या लखनऊ के डॉक्टरों के पास इसकी वजह से मरीजों की संख्या बढ़ी है।
5 शासन और प्रशासन के जिम्मेदार लोगों का इंटरव्यू। क्यों नहीं किट की देखरेख हुई। इसमें यूपी जल निगम के एमडी से लेकर प्रमुख सचिव से बातचीत और बहराइच के जिला मैजिस्ट्रेट से बातचीत की जा सकती है।