Urban Waters

Submitted by Anonymous (not verified) on Fri, 03/04/2016 - 19:08
नाम
pradeep kumar singh
फोन न.
9582142665
ईमेल
pradeep.pratap@gmail.com
फेसबुक आईडी
pradeep.pratap@gmail.com
डाक पता/ Postal Address
H-129 First Floor Sector- 12 Noida GB Nagar uttar pradesh
Language
Hindi
Story Idea Theme
शहरी क्षेत्र में पानी की समस्या और प्रबन्धन (Urban Waters)
Story Language
4 - हिन्दी
शहरों में पानी के प्रबंधन की समस्या। 
शहरीकरण के शोर में शहरों के अंदर से पानी के परंपरगत स्रोत समाप्त होते जा रहे हैं। यही दिल्ली का भी है। दिल्ली के तालाब धीरे-धीरे अपना वजूद खोते जा रहे हैं। कुछ सालों पहले तक जिन तालाबों,पोखरों और बावड़ी में लबालब पानी भरा होता था आज उसमें से अधिकांश सूखे पड़े है। अनधिकृत कॉलोनियों से निकलने वाले सीवेज के गंदे पानी और कूड़ा तालाबों में भर गए हैं। जिससे उनके अस्तित्व पर ही ग्रहण लग गया है। सूखे तालाबों पर बिल्डर और भूमाफियाओं  के साथ ही सरकारी एजंेसियां भी पानी के स्रोतों को समाप्त कर रहे हैं।  जिसके कारण दिल्ली में तालाबों की संख्या दिनोंदिन कम होती जा रही है। दिल्ली में शुद्ध पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। जिसके कारण दिल्ली लाखों लोग पानी के साथ लेड, कैडमियम, फ्लोराइड, नाइट्रेट व क्रोमियम जैसे भारी तत्वों का सेवन कर रहे हैा इन तत्वों से हड्डियां प्रभावित होती हैं और बच्चों के स्वांस तंत्र को नुकसान पहुंचता है। इतना ही नहीं, कई मामलों में तो ये कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन जाते हैं।  
दिल्ली के कई इलाकों में सीवर लाइन का पानी पेयजल की लाइनों में मिल गया था। इससे घरों में सप्लाई होने वाला पेयजल दूषित व बदबूदार हो गया था। राजधानी दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर समय-समय पर आवाज उठती रहती है। दिल्ली में पीने का पानी हरियाणा से आता है। ऐसा नहीं है कि दिल्ली में पहले भी पीने या सिचाईं के पानी की कमी थी।  यमुना के किनारे बसे इस शहर में पानी की कोई कम नहीं थी। लेकिन आधुनिक विकास ने पहले तो यमुना को निगला। अब भूजल को निगलने लगी है। आज  यमुना का पानी पीने की कौन कहे स्नान के लायक नहीं है। पर्यावरणविदों के अनुसार यमुना का फसलों के सिचाईं के काबिल भी नहीं हैं ।  
Story Theme
शहरी क्षेत्र में पानी की समस्या और प्रबन्धन (Urban Waters)