5. लूज बोल्डर चेक डेम :

Submitted by admin on Sat, 01/30/2010 - 11:48
Author
आरएस तिवारी

लूज बोल्डर चेक डेमलूज बोल्डर चेक डेम पहाड़ी क्षेत्र में अथवा ट्रांजिट जोन के नालों पर जहाँ नाली की चौड़ाई कम हो तथा जहाँ पर लूज बोल्डर खड़े पत्थर डालने से अधिकाधिक क्षेत्र में जल संग्रहित किया जा सके, इस संरचना का निर्माण किया जा सकता है। यह संरचना उसी स्थान से संग्रहित बड़े पत्थरों (बोल्डरों) को निश्चित तरीके से जमाकर बनाते हैं। बोल्डर के मध्य खाली जगह में उसी जगह उपलब्ध काली मिट्टी को डाला जा सकता है।

लूज बोल्डर चेक डेम के बीच की दूरी नाले के ढलान एवं पानी की मात्रा कार्य क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। यह संरचना बनाते समय यह आवश्यक है कि नीचे वाले बोल्डर चेक के संग्रहित जल से ऊपर वाले लूज बोल्डर चेक का कोई भाग डूब में न आए।

लूज बोल्डर चैक का आकार स्थान विशेष एवं जलमात्रा पर अवलंबित है। यदि जल की आवक कम हो तो लूज बोल्डर के दोनों ढलानों का अनुपात आवश्यकतामुसार 1:1, 1:2, या 1:4 रख सकते हैं। सबसे पहले उपयोगी क्षेत्र का चयन कर नाले की चौड़ाई में जमीन के अंदर 60 सेंमी. चौड़ी एवं 30 सेंमी गहरी नाली खोदकर एक निश्चित क्रम से बोल्डर के बीच खाली स्थान को काली मिट्टी अथवा वहीं क झाड़ियों को काटकर आवश्यकतानुसार भरा जा सकता है।

लूज बोल्डर चेक का मुख्य उद्देश्य भूमि क्षरण को रोकना एवं संग्रहित जल को रिसन के माध्यम से भू-जल भंडारण में वृद्धि करना है। ताकि आसपास के क्षेत्र में स्थित मृतप्राय कुओं और नलकूपों को पुनर्जीवित किया जा सके।