Pustaken

उत्तर हिमालय-चरित
सृजनशील रचनाकार उच्चकोटि का यायावर या घुमक्कड़ भी हो, ऐसा संयोग प्राय: दुर्लभ होता है, और जब होता है तो उसकी प्रतिभा…
थार मरुस्थल का परंपरागत जल प्रबंधन
डॉ. मीना कुमारी राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की भादरा तहसील के डाबड़ी गाँव में जन्मी। वर्ष 2007 में इतिहास में…
गाँव स्तर पर सहभागिता भूजल निगरानी कार्यक्रम
साल 2012 में  Managing Aquifer Recharge and Sustaining Groundwater Use through Village level Intervention (MARVI)  की…
अब रूठा बलियानाला
17 अगस्त, 1898 को बलियानाले के भू-स्खलन ने तबाही मचा दी। बलियानाले से लगे कैलाखान और दुर्गापुर क्षेत्र की पहाड़ियों में…
नया राजभवन नैनीताल
27 अप्रैल, 1897 को नए राजभवन का शिलान्यास हुआ। इसके साथ ही ‘गिवाली स्टेट’ के इस वीरान जंगली इलाके के प्राकृतिक वातावरण…
नैनीताल बना बंगाल कमाण्ड का मुख्यालय
एक अप्रैल, 1895 को भारत की सम्पूर्ण सेना को मिलाकर आधिकारिक रूप से भारतीय सेना का गठन हुआ। प्रधान सेनापति के नियंत्रण…
ताँगे पहुँचे नैनीताल
1893 में ब्रेबरी से नैनीताल को ताँगे आने लगे थे। अब काठगोदाम से तल्लीताल तक ताँगे से आना सम्भव हो गया था। पर यह यातायात…
रैमजे अस्पताल नैनीताल
1892 में कुमाऊँ के पूर्व कमिश्नर जनरल सर हैनरी रैमजे की स्मृति में रैमजे अस्पताल की नींव रखी गई। अस्पताल के निर्माण में…
नैनीताल बना जिला मुख्यालय
15 अक्टूबर, 1891 को नैनीताल जिला बना गया। नैनीताल को जिला मुख्यालय बनाया गया। तराई तथा भाबर को एक अधिकारी के नियंत्रण…
नैनीताल में पेयजल योजना
12 फरवरी, 1891 को सुपर राइजिंग इंजीनियर ए.जे.ह्मूज ने ‘मै.बॉल्स लोवेट एण्ड कम्पनी’ (इंजीनियर एण्ड कांट्रेक्टर वाटर…
नैनीताल में रेल की योजना
यातायात के लिए बैलगाड़ी, ताँगे और इक्कों का ही सहारा था। तब ये साधन भी ब्रेबरी तक ही उपलब्ध थे। ब्रेबरी से डांडी,…
नैनीताल में रोपवे की योजना
ब्रेबरी तक ताँगे द्वारा यात्रा की सुविधा हो जाने के बावजूद अभी भी नैनीताल में आवागमन बहुत आसान नहीं था। स्थानीय मौसमियत…
पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास
अब नैनीताल में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाने लगा था। साफ-सफाई की व्यवस्था के बेहतर प्रबन्धन के लिहाज से नैनीताल को…
नयना देवी मन्दिर का पुनःनिर्माण
1880 के भू-स्खलन की त्रासदी में मल्लीताल के वर्तमान बोट हाउस क्लब के पास स्थित मोतीराम शाह द्वारा निर्मित माँ नयना देवी…
भू-स्खलन के बाद शुरू हुआ जाँच और सुरक्षा कार्यों का दौर
18 सितम्बर, 1880 के तुरन्त बाद औपनिवेशिक सरकार नैनीताल की पहाड़ियों की सुरक्षा को लेकर बेहद संवेदनशील हो गई। सरकार ने…
गजेटियर के हवाले से भू-स्खलन की दास्तान
नैनीताल के इतिहास में वर्ष 1880 को भुलाया नहीं जा सकेगा, क्योंकि इस वर्ष यहाँ भारी भू-स्खलन हुआ था, जिसमें कई लोगों की…
नैनीताल में 1880 का विनाशकारी भू-स्खलन
1880 तक नैनीताल फलता-फूलता और सर्व सुविधा सम्पन्न एक खुशहाल नगर बन चुका था। इस वर्ष 17 सितम्बर तक यहाँ की आबादी 10,054…
नैनीताल की सेंट- लू पहाड़ी में राजभवन
1870 में लंदन और भारत के बीच समुद्री तार व्यवस्था कायम हो गई। तार की सुविधा से लंदन से भारत का शासन चलाना पहले के…
एक नई किस्म की दुनिया थी नैनीताल
नैनीताल एक प्रकार से नई किस्म की दुनिया थी। यहाँ प्रशासनिक अमला ऊपर से नीचे की ओर क्रमानुसार रहता था। पहाड़ की ऊँचाई के…
पहला आधुनिक कैथलिक गुरुकुल
भारत में नैनीताल जैसे हिल स्टेशनों के विकास के बाद अभिजात्य वर्ग के ब्रिटिश हुक्मरानों, सिविल सेवा और सेना के…
ग्रीष्मकालीन राजधानी
1858 के अन्त तक अंग्रेजों ने देशी राज-रजवाड़ों और साहूकारों की निष्ठापूर्ण स्वामी भक्ति तथा सक्रिय सहयोग के बूते सैनिक…
बसावट शुरू होते ही भू-स्खलन
ब्रिटिश हुक्मरान नैनीताल में अधिसंरचनात्मक सुविधाओं के प्रबन्ध में जुटे ही थे कि बसावट शुरू होने के महज 25 साल बाद…
शरणार्थियों को जिन्दगी, स्वदेशी को फांसी
नैनीताल को एक नगर के रूप में तब्दील करने का काम अभी शैशवावस्था में ही था कि 10 मई, 1857 को ईस्ट इंडिया कम्पनी के भारतीय…
नैनीताल नगर पालिका कमेटी
नैनीताल के लचीले तथा भंगुर पर्यावरण और स्थानीय विशिष्टताओं के मद्देनजर यहाँ योजनाबद्ध ढंग से एक नगर बसाने के लिए 1845…
सेंट जॉन्स इन द विल्डर्नेस चर्च नैनीताल
1844 में नैनीताल में सात घर बन चुके थे या बन रहे थे। तीन घरों का काम शुरू होने वाला था। तालाब के दक्षिणी छोर अयारपाटा…
नैनीताल: रास्तों की समस्या
शुरुआती दौर में नैनीताल पहुँचने के लिए सबसे बड़ी समस्या रास्तों की थी। यहाँ आने-जाने के लिए रास्ते/ सड़क जैसी कोई चीज…
पिलग्रिम लॉज में पहला क्रिसमस
पीटर बैरन 23 अक्टूबर, 1843 को पीलीभीत से चलकर 25 अक्टूबर को लोहाघाट होते हुए लोधिया (अल्मोड़ा) पहुँचे। 27 अक्टूबर को…
नैनीताल के शिल्पी मोतीराम शाह
विविध प्रजाति के वन्य जीवों की आश्रय स्थली एक वीरान जंगल को सुव्यवस्थित नगर के रूप में बसाना और संवारना अंग्रेजों के…
इंग्लैंड में स्वच्छता अभियान और भारत में स्वच्छ नगर
14वीं शताब्दी के दूसरे दशक के बाद विश्व के अनेक देशों में पारिस्थितिक तंत्र का सन्तुलन गड़बड़ा गया था। उस दौरान यूरोप…
जिम कार्बेट की नजर से नैनीताल
आप एक बढ़िया-सी दूरबीन ले लीजिए और मेरे साथ चलिए चीना पहाड़ी की चोटी पर। यहाँ से आपको नैनीताल के आस-पास के इलाके का नजारा…
नैनीताल में झील की उत्पत्ति
इतनी ऊँचाई पर तालाब की मौजूदगी को लेकर वैज्ञानिकों के अलग-अलग मत हैं। भू-गर्भ विज्ञानी एचएफ बलैण्डफोर्ड ने 1877 और…
नैनीताल का भूगोल
नैनीताल की झील बाहरी हिमालय में मेन बाउन्ड्री थ्रस्ट के करीब स्थित प्रकृति की दुर्लभ रचना है। सात ऊँची पर्वत श्रृंखलाओं…
बैरन का दूसरा नैनीताल दौरा
दिसम्बर, 1842 में पीटर बैरन दूसरी बार नैनीताल आए। बैरन 9 दिसम्बर को बरेली से भीमताल को रवाना हुए। उनके तराई पहुँचने तक…
नैनीताल में बसावट की प्रक्रिया शुरू
नैनीताल से लौटने के करीब दो महीने बाद 26 फरवरी, 1842 को पीटर बैरन ने शाहजहाँपुर से कुमाऊँ के तत्कालीन वरिष्ठ सहायक…
नैनीताल के वजूद पर सवाल
पीटर बैरन को नैनीताल के खोजकर्ता के तौर पर स्वीकारने को लेकर मतभेद हो सकते हैं। पर यह निर्विवाद सत्य है कि नैनीताल को…
नैनीताल का पहला नजरिया नक्शा
31 दिसम्बर, 1841 को कोलकाता के ‘इंग्लिश मैन’ नाम के अखबार में अल्मोड़ा के इलाके में एक खूबसूरत झील होने की सूचना पहली…
नैनीताल में बैरन
पीटर बैरन उर्फ पिलग्रिम तत्कालीन पश्चिमोत्तर प्रान्त के रोजा (शाहजहाँपुर) के निवासी थे। हालांकि बैरन पेशे से मूलतः शराब…
गैर आबाद नैनीताल
अंग्रेजों के कुमाऊँ में आने से पहले आस-पास के गाँवों के निवासियों के लिए नैनीताल रहस्यमय या अनजान स्थल नहीं था। आस-पास…
नैनीताल : प्रारम्भिक औपनिवेशिक काल
3 मई, 1815 को ई.गार्डनर के कुमाऊँ कमिश्नर के रूप में तैनाती के तुरन्त बाद सम्पूर्ण कुमाऊँ में ब्रिटिश साम्राज्य का…
मानसखण्ड में नैनीताल
व्यास जी ने कहा शेषगिरि के दक्षिण भाग में पवित्र 'गर्गाचल' है। वह लताओं, वृक्षों तथा विभिन्न धातुओं से…
नैनीतालः ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
पृथ्वी की उत्पत्ति कब और कैसे हुई ? यह एक अबूझ पहेली है। माना जाता है कि ब्रह्माण्ड के एक हिस्से के रूप में करीब साढ़े…