अंग्रेजों के कुमाऊँ में आने से पहले आस-पास के गाँवों के निवासियों के लिए नैनीताल रहस्यमय या अनजान स्थल नहीं था। आस-पास के गाँवों के पशुचारक अपने जानवरों को चुगाने के लिए यहाँ आते थे। सम्भव है कि एक दौर में नैनीताल चरवाहों का ग्रीष्मकालीन प्रवास भी रहा हो, यहाँ उनके खते हों। नैनीताल की पहाड़ियों के पुराने नाम और मानचित्रों से ऐसे संकेत मिलते हैं कि नैनीताल आस-पास के गाँवों के चरवाहों का अस्थाई और मौसमी प्रवास था। शेर-का-डांडा, चीना (अब नैना) पहाड़, हांडी-भांडी, अयारपाटा, देवपाटा, लरियाकांटा, गिवालीखेत और बारानली खेत आदि नैनीताल की पहाड़ियों और स्थलों के पुराने नाम हैं। सम्भव है कि नैनीताल में यूरोपियन सटेंलमेंट के बाद इन नामों का आधुनिकीकरण हुआ हो। मूलतः ये नाम चरवाहों ने ही दिए थे। हो सकता है कि नैनी-झील को नैनीताल नाम भी चरवाहों ने ही दिया हो। यानी आँख के आकृति वाली झील।
‘‘ताल’’ नैनीताल की भौगोलिक पहचान है। यूरोपियन के संदर्भ में नैनी का अर्थ नया हो सकता है, जबकि भारतीयों के संदर्भ में नैनी धार्मिक एवं सांस्कृतिक पहचान के तौर पर भी देखा जा सकता है। दोनों स्थितियों में ‘ताल’ नैनीताल के वजूद से जुड़ा है। सम्भावना यह है कि गिवालीखेत (वर्तमान राजभवन का इलाका) में खुर्पाताल, मंगोली व बजून आदि गाँवों के चरवाहों के खत्ते रहे हों। बारा नाली खेत (तल्लीताल) बल्दियाखान एवं बेलुवाखान क्षेत्र के गाँवों के चरवाहों का प्रवास स्थल रहा हो, जबकि मल्लीताल के टांकी वाले इलाके में पंगूट, बगड़, जाख-पाडली आदि गाँवों के चरवाहे कैंप करते होंगे। चरवाहों ने नैनीताल और शेर-का-डांडा पहाड़ी में वन देवी के छोटे मंदिर भी बनाए थे।
1815 से पहले सम्पूर्ण कुमाऊँ अंग्रेजों के लिए एक अनजान क्षेत्र था। शुरुआती दौर में अंग्रेजों ने राजस्व प्राप्ति के उद्देश्य से अपनी जान-पहचान सिर्फ आबाद क्षेत्रों तक ही सीमित रखी। 1817 से 1829 में किए गए भूमि बंदोबस्त के दौरान कुमाऊँ के तत्कालीन कमिश्नर जॉर्ज विलियम ट्रेल का कुमाऊँ के दूसरे हिस्सों के साथ नैनीताल से भी प्रत्यक्ष आमना-सामना हुआ। इस तथ्य को नैनीताल के खोजकर्ता के रूप में विख्यात पाटर बैरन ने खुद भी स्वीकारा है। बैरन ने अपनी किताब ‘नोट्स ऑफ वॉण्डरिंग्स इन द हिमाला’’ में उल्लेख किया है कि - ट्रेल ने 1823 में अपने दस्तावेजों में लिखा है कि उन्होंने छः खाता जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बेहद गजब की झीलें ढूँढ़ी हैं, इनमें नैनीताल, भीमताल एवं नौकुचियाताल शामिल हैं। इनमें पहली झील (सम्भवतः नैनीताल) सबसे बड़ी है, जिसकी लम्बाई एक मील तथा चैड़ाई एक तिहाई मील है।
स्पष्ट है कि अंग्रेजों के कुमाऊँ में आने के बाद एकाएक नैनीताल का जन्म नहीं हुआ और न खोज। पृथ्वी पर नैनीताल का वजूद आदिकाल से था और है। 1841 से पहले यह जगह स्थानीय निवासियों के लिए भी सर्वज्ञात थी और चंद अंग्रेजों के लिए भी। अंग्रेज कमिश्नर ट्रेल नैनीताल के बारे में बखूबी वाकिफ थे। कुमाऊँ में ब्रिटिश राज कायम होने के बाद ट्रेल नैनीताल आ चुके थे। चूंकि ट्रेल ईस्ट इंडिया कम्पनी के एक बड़े औहदेदार मुलाजिम थे। एक जिम्मेदार मुलाजिम होने की वजह से वे ईस्ट इंडिया कंपनी की नीतियों से बंधे थे।
ईस्ट इंडिया कम्पनी की पहली प्राथमिकता अपने अधीनस्थ भू-भाग से येन-केन प्रकारेण अधिकतम मुनाफा कमाना था। इसके लिए यहाँ उपलब्ध संसाधनों के दोहन की कार्य योजनाएँ बनानी थी, ताकि अधिक से अधिक धन-धान्य खींचकर इंग्लैंड पहुँचाया जा सके। जाहिर है कि ईस्ट इंडिया कंपनी यहाँ विकास और सृजन के लिए नहीं, बल्कि व्यापार और संसाधनों के दोहन के लिए आई थी। ईस्ट इंडिया कंपनी की नीतियों के मुताबिक कमिश्नर के तौर पर ट्रेल का पहला दायित्व पहाड़ के भीतर अंग्रेजी साम्राज्यवाद की जड़ों को मजबूत करना और आय के साधन बढ़ाकर इंग्लैंड का खजाना भरना था। तब गुलाम देशों के प्राकृतिक संसाधनों के शोषण और लूट का दौर था। ईस्ट इंडिया कंपनी इसी मंसूबे के साथ यहाँ आई थी। अपने पल्ले की रकम खर्च कर भारत में नए नगर बसाना उस वक्त ईस्ट इण्डिया कंपनी के नीतियों में नही था। सम्भवतः इसीलिए ट्रेल ने नैनीताल में नगर बसाने की दिशा में न सोचा और न ही अपनी ओर से ऐसी कोई पहल की।
TAGS |
nainital lake, nainital zoo, nainital high court, nainital weather, nainital bank, nainital pin code, nainital news, nainital hotels, nainital bank recruitment, about nainital bank, about nainital in hindi, about nainital in english, about nainital district, about nainital lake, about nainital hill station, about nainital tourism, about nainital hill station in hindi, about nainital lake in hindi, about nainital tourist places, history of nainital in hindi, history of nainital bank, history of nainital lake, history of nainital, history of nainital hill station, history of nainital lake in hindi, history of nainital high court, history of nainital uttarakhand, history of nainital in hindi language, historical perspective of nainital, history of nainital hinid, nainital wikipedia hindi, historical perspective of nainital hindi, nainital in manaskhand, british rule in nainital. |