एक्सनोरा पानीपत नवनिर्माण समिति, हरियाणा के तत्वावधान में 4 सितम्बर 2009 को, ग्लोबल वार्मिंग से मातृ भूमि को बचाओ विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्लोबल वार्मिंग के खतरों के प्रति जागरूकता बढाना था। यह कार्यक्रम पेप्सी को और आर्ट ऑफ लिविंग के सहयोग से आयोजित किया गया।
एक्सनोरा इंटरनेशनल की वाइस प्रेजिडेंट सुश्री मंगलम बालासुब्रमण्यम् ने इस अवसर पर बोलते हुए अतीत को याद किया और कहा कि हमने अपने बालपन में जो हरियाली, साफ हवा, पानी से भरे तालाब और कलकल करती नदियों की आवाज सुनी है वो आज की और आने वाली पीढ़ी के लिए तो सपना कहानी या सपने जैसी होगी। ग्लोबल वार्मिंग आज की सबसे बड़ी चुनौती है। कहीं बाढ़ है तो कहीं सुखाड़, बीमारियों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है, झुलसाती हवाएं, घटता जल स्तर, बढ़ते हुए खतरे का संदेश दे रहे हैं। अगर अभी कुछ न किया गया तो हालात और भी बदतर हो सकते हैं।
उंहोंने कहा- कि कार्बन को कम करके ही हम समस्या समस्या को कम कर सकते हैं। हमें अपनी आदतों में ऐसा सुधार लाना होगा कि जिससे ग्रीनहाउस गैंसों का उत्पादन कम से कम हो। इस संबंध में उंहोंने सबसे पहले अपने से ही शुरु करते हुए वचन दिया में हर उस काम को करुंगी जिससे ग्लोबल वार्मिंग कम होती हो। थिंक ग्लोबली, एक्ट लोकली, डू डोमेस्टीकली, इस नारे के साथ उंहोंने अपनी बात समाप्त की।
इस अवसर पर पेप्सी को के जेनेरल मैनेजर, रॉ फाउंडेशन के इंडिया कॉर्डिनेटर गिरीश चौधरी, सोशल एक्टिविस्ट निर्मल दत्त ने पानी के घटते स्तर और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से निपटने के लिए चेतने के संदेश दिया और भारतीय पद्धतियों को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में 99999 स्विच ऑफ्फ लाइट्स् कैम्पेन का भी शुभारम्भ किया गया और बच्चों तक पर्यावरण संबंधी शिक्षा पहुंचाने का कार्यक्रम भी बनाया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सुश्री निर्मल दत्त ने की और संचालन सतीश गुगलानी ने किया। पांडिचेरी विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर डॉ. वीटी पाटिल कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए। गिरीश चौधरी, सुरेंद्र कुमार शर्मा, सुश्री दीपिका डोवाल ने भी कार्यक्रम में अपने विचार प्रस्तुत किये।
एक्सनोरा पानीपत के चेयरमैन श्री हरबंस लाल अरोड़ा ने अतिथि गण को भेंट देकर सम्मानित किया।
एक्सनोरा इंटरनेशनल की वाइस प्रेजिडेंट सुश्री मंगलम बालासुब्रमण्यम् ने इस अवसर पर बोलते हुए अतीत को याद किया और कहा कि हमने अपने बालपन में जो हरियाली, साफ हवा, पानी से भरे तालाब और कलकल करती नदियों की आवाज सुनी है वो आज की और आने वाली पीढ़ी के लिए तो सपना कहानी या सपने जैसी होगी। ग्लोबल वार्मिंग आज की सबसे बड़ी चुनौती है। कहीं बाढ़ है तो कहीं सुखाड़, बीमारियों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है, झुलसाती हवाएं, घटता जल स्तर, बढ़ते हुए खतरे का संदेश दे रहे हैं। अगर अभी कुछ न किया गया तो हालात और भी बदतर हो सकते हैं।
उंहोंने कहा- कि कार्बन को कम करके ही हम समस्या समस्या को कम कर सकते हैं। हमें अपनी आदतों में ऐसा सुधार लाना होगा कि जिससे ग्रीनहाउस गैंसों का उत्पादन कम से कम हो। इस संबंध में उंहोंने सबसे पहले अपने से ही शुरु करते हुए वचन दिया में हर उस काम को करुंगी जिससे ग्लोबल वार्मिंग कम होती हो। थिंक ग्लोबली, एक्ट लोकली, डू डोमेस्टीकली, इस नारे के साथ उंहोंने अपनी बात समाप्त की।
इस अवसर पर पेप्सी को के जेनेरल मैनेजर, रॉ फाउंडेशन के इंडिया कॉर्डिनेटर गिरीश चौधरी, सोशल एक्टिविस्ट निर्मल दत्त ने पानी के घटते स्तर और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से निपटने के लिए चेतने के संदेश दिया और भारतीय पद्धतियों को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में 99999 स्विच ऑफ्फ लाइट्स् कैम्पेन का भी शुभारम्भ किया गया और बच्चों तक पर्यावरण संबंधी शिक्षा पहुंचाने का कार्यक्रम भी बनाया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सुश्री निर्मल दत्त ने की और संचालन सतीश गुगलानी ने किया। पांडिचेरी विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर डॉ. वीटी पाटिल कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए। गिरीश चौधरी, सुरेंद्र कुमार शर्मा, सुश्री दीपिका डोवाल ने भी कार्यक्रम में अपने विचार प्रस्तुत किये।
एक्सनोरा पानीपत के चेयरमैन श्री हरबंस लाल अरोड़ा ने अतिथि गण को भेंट देकर सम्मानित किया।