अमर उजाला, 20 फरवरी, 2020
अब पानी के लिए बोरिंग करवाने की अनुमति मिलने लग गई है। लेकिन, इससे पहले वाटर एक्ट के तहत जल संस्थान की एनओसी लेना जरूरी है। नए आवेदन पर बसंत विहार क्षेत्र के एक प्रतिष्ठान को अनुमति दी गई है। जबकि पहले जल संस्थान ने जल नीति न होने के कारण अवैध बोरिंग पर कार्रवाई और नए बोरिंग की अनुमति सम्बन्धी एनओसी देने से साफ इनकार किया था। उस समय यह जरूरी किया गया था कि किसी भी भवन में बोरिंग से पहले प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
एसडीएम सदर गोपाल राम बिनवाल ने बताया कि लोगों ने अब नए सिरे से आवेदन शुरू कर दिए हैं। आवेदन पर पहले जल संस्थान की ओर से एनओसी मांगी जा रही है। मसलन, क्षेत्र विशेष में उनकी सप्लाई है या नहीं। एनओसी के बाद कुमाऊं-गढ़वाल वाटर एक्ट की धारा-आठ के तहत बोरिंग के लिए अनुमति दी जा रही है।
पहली अनुमति बसंत विहार क्षेत्र के एक प्रतिष्ठान को दी गई है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों पड़ताल में पता चला था कि इस एक्ट में संशोधन के बाद अनुमति की व्यवस्था की थी। लिहाजा, अब सभी अनुमतियां या आवेदनों पर विचार एक्ट के तहत किया जाएगा। लेकिन, इससे पहले जल संस्थान की एनओसी लेनी जरूरी है।