अमेजन २. द. अमरीका की एक प्रसिद्ध नदी है जो जल की मात्रा के विचार से संसार की सबसे बड़ी तथा सर्वाधिक लंबी नदियों में दूसरी है। इस नदी की संपूर्ण द्रोणी विषुवत्रेखीय क्षेत्र में पड़ती है। पेरूवियन ऐंडीज़ पर्वत के पूर्वांचल में १२,००० फुट की ऊँचाई पर स्थित लागो लारीकोचा नामक झील से निकलकर पेरू तथा ब्राजील में लगभग ४,००० मील पूर्व-उत्तर-पूर्व प्रवाह के अनंतर भूमध्यरेखा पर अंधमहासागर (ऐटलांटिक ओशन) में गिरती है। यह मुहाने से (९० मील पर स्थित) पारा तक बड़े सामुद्रिक पोतों, (२,३०० मील पर स्थित) इकीटोस तथा छोटे सामुद्रिक पोतों और (२,७८६ मील पर स्थित) आचुअल प्वाइंट तक छोटे जहाजों के लिए नौकागम्य है। धारा की औसत गति तीन मील प्रति घंटा है जो सँकरे स्थानों में पाँच मील तक हो जाती है। नवंबर से जून तक नदी बढ़ाव की ओर रहती है। सुदूर तक यह प्रमुख दो धाराओं में विभक्त होकर बहती है, पर मुहाने से ४०० मील अंत:स्थित ओवीडोज के बाद एककबद्ध होकर लगभग एक मील चौड़ी तथा २०० फुट गहरी नदी के रूप में विशाल जलराशि लाती है, जा समुद्र में मुहाने से २०० मील दूर तक स्पष्ट पहचानी जा सकती है। बाढ़ में घाटी का न केवल निचला मैदान ही (इगापो) प्रत्युत् ऊपरी मैदान (वारगेम) के लाखों वर्ग मील का क्षेत्र भी झील सा हो जाता है।
अमेज़न में २७,२२,००० वर्ग मील क्षेत्र से लगभग दो सौ नदियों का जल आता है। अधिकांश सहायक नदियाँ दक्षिण से आती हैं जिनमें हुआल्गा, उकायली, जावारी, जुटाई, जुरुआ, तेभी, कोआरी, मैडिरा, तापाजोज, जिंगु आदि प्रमुख हैं। सेंटियागो, मोरोना, जापुरा रायो, निग्रो, औतुमा, ट्रांवेटा आदि उत्तरी सहायक नदियाँ हैं। भूगोलवेत्ताओं के अनुसार अमेजन का निचला भाग सामुद्रिक खाड़ी था जिसकी लहरों के अपक्षरण से ओवीडोज के पास का पर्वतीय स्थल कटकर बह गया। नदी के मुहाने पर विशाल भित्तिवार (बोर) आता है जिसके कारण नदी के जल के साथ विशाल परिमाण में मिट्टी आने पर भी डेल्टा नहीं बन पाता।
नदी तट पर स्थित पारा (जनसंख्या ३,५०,०००), मनाओज (ज. सं. १,००,०००), इक्वीटोस (ज. सं. ३०,०००) और संतारम (ज. सं. ७,०००) आदि बंदरगाहों द्वारा रबर, कहवा, चमड़ा, तंबाकू, लकड़ी, कपास, सुपारी, काकाओ, नारंगी, मांस, मछली, तथा अन्य उष्णकटिबंधीय वस्तुओं का निर्यात होता है। अमेज़न द्रोणी में अनेक प्रकार के पेड़, पौधे, झाड़ियाँ, लताएँ तथा जीवजंतु, कीट, पतंग, मछलियाँ आदि पाई जाती हैं जिनके बीच कटुतम जीवनसंघर्ष है। अत: यहाँ विभिन्न औद्योगिक, परिवाहनकि, मानवशास्त्रीय, भौगोलिक, वैज्ञानिक एवं खनिज संबंधी अन्वेषण एवं सर्वेक्षण कार्य हो रहे हैं। १९२७ एवं १९२८ में अमरीकी भौगोलिक परिषद् ने भी हिस्पानिक अमरीका (लैटिन अमरीका) के मानचित्र (मापक १ : १०,००,०००) की सामग्री के कल्पनार्थ विशेषज्ञों के दो दल भेजे थे।
यूरोपियनों में से स्पेन निवासी बिसेंट यानेज पिंजन ने सर्वप्रथम सन् १५०० ई. में अमेज़न का पता लगाया और मुहाने से ५० मील अंतर्देश तक यात्रा की। फ्रांसीसी डी आरलेना ने इसका अमेज़ोनाज़ नाम रखा और १५४१ में ऐंडीज पर्वत से लेकर समुद्र तक इसकी यात्रा की। (का.ना.सिं.)
अमेज़न में २७,२२,००० वर्ग मील क्षेत्र से लगभग दो सौ नदियों का जल आता है। अधिकांश सहायक नदियाँ दक्षिण से आती हैं जिनमें हुआल्गा, उकायली, जावारी, जुटाई, जुरुआ, तेभी, कोआरी, मैडिरा, तापाजोज, जिंगु आदि प्रमुख हैं। सेंटियागो, मोरोना, जापुरा रायो, निग्रो, औतुमा, ट्रांवेटा आदि उत्तरी सहायक नदियाँ हैं। भूगोलवेत्ताओं के अनुसार अमेजन का निचला भाग सामुद्रिक खाड़ी था जिसकी लहरों के अपक्षरण से ओवीडोज के पास का पर्वतीय स्थल कटकर बह गया। नदी के मुहाने पर विशाल भित्तिवार (बोर) आता है जिसके कारण नदी के जल के साथ विशाल परिमाण में मिट्टी आने पर भी डेल्टा नहीं बन पाता।
नदी तट पर स्थित पारा (जनसंख्या ३,५०,०००), मनाओज (ज. सं. १,००,०००), इक्वीटोस (ज. सं. ३०,०००) और संतारम (ज. सं. ७,०००) आदि बंदरगाहों द्वारा रबर, कहवा, चमड़ा, तंबाकू, लकड़ी, कपास, सुपारी, काकाओ, नारंगी, मांस, मछली, तथा अन्य उष्णकटिबंधीय वस्तुओं का निर्यात होता है। अमेज़न द्रोणी में अनेक प्रकार के पेड़, पौधे, झाड़ियाँ, लताएँ तथा जीवजंतु, कीट, पतंग, मछलियाँ आदि पाई जाती हैं जिनके बीच कटुतम जीवनसंघर्ष है। अत: यहाँ विभिन्न औद्योगिक, परिवाहनकि, मानवशास्त्रीय, भौगोलिक, वैज्ञानिक एवं खनिज संबंधी अन्वेषण एवं सर्वेक्षण कार्य हो रहे हैं। १९२७ एवं १९२८ में अमरीकी भौगोलिक परिषद् ने भी हिस्पानिक अमरीका (लैटिन अमरीका) के मानचित्र (मापक १ : १०,००,०००) की सामग्री के कल्पनार्थ विशेषज्ञों के दो दल भेजे थे।
यूरोपियनों में से स्पेन निवासी बिसेंट यानेज पिंजन ने सर्वप्रथम सन् १५०० ई. में अमेज़न का पता लगाया और मुहाने से ५० मील अंतर्देश तक यात्रा की। फ्रांसीसी डी आरलेना ने इसका अमेज़ोनाज़ नाम रखा और १५४१ में ऐंडीज पर्वत से लेकर समुद्र तक इसकी यात्रा की। (का.ना.सिं.)
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