पानी और पर्यावरण पर काम करने वाले मशहूर पर्यावरणविद् अनुपम मिश्र को साल 2011 के लिए जमनालाल बजाज पुरस्कार दिया गया है। उनको यह पुरस्कार आगामी 7 नवंबर को मुंबई में दिया जाएगा। अनुपम मिश्र को यह पुरस्कार ग्रामीण विकास में अभूतपूर्व योगदान के लिए दिया जा रहा है। अनुपम मिश्र की पुस्तक आज भी खरे हैं तालाब ने देश में नये सिरे से तालाबों के बारे में जागरुकता पैदा की है।
जमनालाल बजाज पुरस्कार चार श्रेणियों में दिया जाता है जिसमें ग्राम विकास में तकनीकि का योगदान, ग्राम विकास में अभूतपूर्व योगदान, महिला और बाल विकास के क्षेत्र में किया जा रहा काम और विश्व पटल पर गांधी विचार के आधार पर किये जा रहे काम को हर साल यह पुरस्कार दिया जाता है।
पुरस्कार की इन चार श्रेणियों में हर पुरस्कार प्राप्त करने वाले को पांच लाख रुपए नकद तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया जाता है।
जमनालाल बजाज महात्मा गांधी के अनुयायी थे और गांधी विचार के आधार पर औद्योगिक विकास के हिमायती थे। जमनालाल बजाज 1933 में कांग्रेस के कोषाध्यक्ष भी रह चुके थे। खादी और हिन्दी के प्रचार प्रसार में जमनालाल बजाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
उनके नाम पर इन पुरस्कारों की शुरुआत 1978 में की गई। इस साल के लिए कुल 80 नामांकन आये थे जिनमें से चार लोगों को इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। पुरस्कार 7 नवंबर को मुंबई में रामकथा वाचक मोरारी बापू एक सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रदान करेंगे।