एक छोटा नगर है जो कच्छ में महाराष्ट्र राज्य के अंतर्गत अपने ही नाम के ताल्लुके का प्रधान कार्यालय है (स्थिति 23 10 उ. अ. और 70 4 पू.दे.)। यह कच्छ की खाड़ी से 10 मील दूर है। निकटवर्ती क्षेत्र मरुस्थल और सूखा है। पानी की समस्या कुओं से पूरी होती है। पास के क्षेत्र में बाजरा, गेहूँ, जौ और कपास पैदा होते हैं। बाँधों और कुओं से सिंचाई का अच्छा प्रबंध है।
16 जून, 1919 को यह नगर भयंकर भूचाल से बुरी तरह ध्वस्त हो गया था। धन जन की भी पर्याप्त हानि हुई थी। यह नगर भारत के भूकंप के बी ज़ोन में पड़ता है। यहाँ हल्के भूचाल कई बार आ चुके हैं।
अंजार पहले रेल द्वारा टूना, भुज तथा कांडला से मिला था। अक्टूबर, 1952 में राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कांडला दीसा मीटर गेज रेलवे लाइन का उद्घाटन किया। इस प्रकार अब इस नगर का सीधा संबंध उत्तरी गुजरात तथा दक्षिणी पश्चिमी राजपूताना से हो गया है। यह निकटवर्ती क्षेत्र का भौगोलिक केंद्र भी है।
16 जून, 1919 को यह नगर भयंकर भूचाल से बुरी तरह ध्वस्त हो गया था। धन जन की भी पर्याप्त हानि हुई थी। यह नगर भारत के भूकंप के बी ज़ोन में पड़ता है। यहाँ हल्के भूचाल कई बार आ चुके हैं।
अंजार पहले रेल द्वारा टूना, भुज तथा कांडला से मिला था। अक्टूबर, 1952 में राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कांडला दीसा मीटर गेज रेलवे लाइन का उद्घाटन किया। इस प्रकार अब इस नगर का सीधा संबंध उत्तरी गुजरात तथा दक्षिणी पश्चिमी राजपूताना से हो गया है। यह निकटवर्ती क्षेत्र का भौगोलिक केंद्र भी है।
Hindi Title
विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)
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संदर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
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