प्राकृतिक प्रक्रमों (कारकों) द्वारा अपने स्थान पर ही शैलों के विघटन तथा वियोजन की क्रिया। शैलों के टूटने (विखंडन) से प्राप्त शैल खंड या शैल चूर्ण मौलिक शैल (आधार शैल) के ऊपर बिखर जाते हैं और वहीं पड़े रहते हैं। भाग लेने वाले कारकों के अनुसार अपक्षय तीन प्रकार का होता है-1। भौतिक या यांत्रिक अपक्षय, 2. रासायनिक अपक्षय, और 3. जैविक अपक्षय।
अपरदन का ही एक रूप, लेकिन इसमें अपरदित पदार्थों का अपने स्थान से स्थानांतरण नहीं होता है। इस प्रक्रिया में खुली चट्टानों वर्षा, पाला, पवन और मौसम के अन्य तत्वों द्वारा टूटती हैं।
अपरदन का ही एक रूप, लेकिन इसमें अपरदित पदार्थों का अपने स्थान से स्थानांतरण नहीं होता है। इस प्रक्रिया में खुली चट्टानों वर्षा, पाला, पवन और मौसम के अन्य तत्वों द्वारा टूटती हैं।
अन्य स्रोतों से
विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)
पृथ्वी की सतह पर प्राकृतिक कारणों द्वारा चट्टानों के अपनें ही स्थान पर यांत्रिक विधी द्वारा टूटनें अथवा रासायनिक वियोजन की क्रिया को "अपक्षय" कहा जाता हैं।
वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
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