अवैध बोरवेलों पर सरकारी उदासीनता से राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण नाराज

Submitted by admin on Tue, 03/25/2014 - 15:14
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जनसत्ता, 17 मार्च 2014
नई दिल्ली, 16 मार्च (भाषा)। राष्ट्रीय राजधानी में अवैध और अनधिकृत बोरवेलों पर दिल्ली सरकार द्वारा पर्याप्त कार्रवाई न शुरू करने से नाराज राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने अगली सुनवाई पर दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया है।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह व्यवस्था देते हुए कहा कि बोरवेलों द्वारा भूजल के अवैध इस्तेमाल के मुद्दे पर दिल्ली सरकार की ओर से जमा कराई गई रिपोर्ट संतोषजनक नहीं है। पीठ ने कहा, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की ओर से जमा कराई गई रिपोर्ट संतोषजनक नहीं है और इसमें यह नहीं दर्शाया गया कि शहर में संचालित अवैध और अनधिकृत बोरवेलों के संबंध में क्या कार्रवाई की गई है।

पीठ ने कहा, हमें समझ नहीं आता कि संबंधित समिति ने पर्याप्त कर्रवाई क्यों नहीं की। दिल्ली जल बोर्ड के संबद्ध सदस्य और उपायुक्तों को अगली सुनवाई के दिन न्यायाधिकरण के समक्ष उपस्थित रहना होगा। इस मामले पर सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।

न्यायाधिकरण ने तीन सितंबर 2013 को एक पैनल बनाया था, जिसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के सभी अवैध और मान्य बोरवेलों के आंकड़े जुटाने का काम दिया गया। इसके साथ ही उसे यह भी सुनिश्चित करना था कि भूजल के अवैध दोहन के मामलों पर मुकदमा चलाया जाए और भूजल का उपभोग मापने के लिए बोरवेलों पर पानी के मीटर लगाए जाएं।

इसके बाद पिछले साल 12 नवंबर और 19 दिसंबर को न्यायाधिकरण ने पैनल की ओर से जमा कराई गई रिपोर्ट को ‘खराब और अस्पष्ट’ बताते हुए इस पर असंतोष व्यक्त किया था। न्यायाधिकरण ने पैनल को निर्देश दिए थे कि वह अपनी कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट चार फरवरी तक जमा कराए। दिल्ली सरकार ने इसी तारीख को समिति द्वारा जुटाई जानकारी जमा कराने की बात कही थी। यह मामला 12 मार्च तक स्थगित कर दिया गया था।