अयोध्या भारतवर्ष का एक अति प्राचीन नगर है जो घाघरा (सरयू) नदी के दाहिने किनारे पर उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में २६४८ उ.अ. तथा ८२ १२पू.दे. रेखाओं पर स्थित है। इसका महत्व इसके प्राचीन इतिहास में ही निहित है क्योंकि भारत के प्रसिद्ध एवं प्रतापी क्षत्रियों (सूर्यवंशी) की राजधानी यही नगर रहा है। उक्त क्षत्रियों में दाशरथी रामचंद्र अवतार के रूप में पूजे जाते हैं। पहले यह कोसल जनपद की राजधानी था। प्राचीन उल्लेखों के अनुसार तब इसका क्षेत्रफल ९६ वर्ग मील था। यहाँ पर सातवीं शाताब्दी में चीनी यात्री हेनत्सांग आया था। उसके अनुसार यहाँ २० बौद्ध मंदिर थे तथा ३,००० भिक्षु रहते थे। इस प्राचीन नगर के अवशेष अब खंडहर के रूप में रह गए हैं जिसमें कहीं कहीं कुछ अच्छे मंदिर भी हैं। वर्तमान अयोघ्या के प्राचीन मंदिरों में सीतारसोई तथा हनुमानगढ़ी मुख्य हैं। कुछ मंदिर १८वीं तथा १९वीं शताब्दी में बने जिनमें कनकभवन, नागेश्वरनाथ तथा दर्शनसिंह मंदिर दर्शनीय हैं। कुछ जैन मंदिर भी हैं। यहाँ पर वर्ष में तीन मेले लगते हैंमार्च-अप्रैल, जुलाई-अगस्त तथा अक्टूबर-नंवबर के महीनों में। इन अवसरों पर यहाँ लाखों यात्री आते हैं। अब यह एक तीर्थस्थान के रूप में ही रह गया है। इसका प्रशासन फैजाबाद नगरपालिका से होता है। (न.ला.)
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