अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

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(1865-1947)


शिक्षा :


क्वींस कॉलेज, काशी में अधूरी छोड़ी। कानूनगो। हिंदी के प्रमुख कवि, खड़ीबोली के प्रथम महाकाव्यकार, कथाकार।

प्रमुख कृतियां :


‘प्रिय प्रवास’, ‘वैदेही वनवास’, ‘पारिजात’, ‘ऋतु दर्पण’, ‘रस कलस’, ‘कल्पलता’ इत्यादि (सभी काव्य); ‘अधखिला फूल’ और ‘ठेठ हिंदी का ठाठ’ (उपन्यास); इनके अलावा अनेक साहित्यशास्त्र की पुस्तकें। कुल पुस्तकों की संख्या लगभग पच्चीस।

वृत्ति :


सदर कानूनगो के पश्चात् काशी हिंदू वि.वि. में हिंदी का अध्यापन। अनेक प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित।