बीस सूत्री कार्यक्रम 2006 (विवरण)

Submitted by Hindi on Fri, 12/10/2010 - 09:58
बीस सूत्री कार्यक्रम—2006 में 20 सूत्रों के अन्तार्गत 65 मदें अनुश्रवण किया जा रहा है| सूत्रवार विवरण इस प्रकार है—

सूत्र सं0 1. गरीबी हटाओ - गरीबी आर्थिक विकास की नीति में बाधक है आम जनमानस के जीवन स्तयर में गुणात्मनक सुधार, बुनियादी आवश्य कताओं, अच्छाअ स्वाजस्य् प , भोजन तथा साक्षरता इस कार्यक्रम का मुख्यह उद्देश्यb है इस कार्यक्रम में “राष्ट्री य रोजगार गारंटी अधिनियम’’ के अन्त्र्गत प्रत्ये क वित्तीहय वर्ष में प्रत्येरक परिवार के व्यगस्कि व्य्क्ति को जो शारीरिक रूप से कार्य करने का इच्छु्क है, 100 दिनों का रोजगार दिया जाना है। “स्ववर्ण जयन्तीष स्वीरोजगार योजना’’ जैसी योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में लागू कर रोजगार के अवसर उपलब्धर कराया जाना है। पंचायतों की सहभागिता से ग्रामीण व्यरवसायिक केन्द्रों (Rural Business Hubs) की स्था पना कर ग्रामीण क्षेत्रों में उदारीकरण का लाभ पहुंचाया जाना है। ‘’एस.जी.एस.वाई. व एस.जे.एस.वाई.’’ के अतिरिक्त अन्या श्रोतों से गठित “स्वbयं सहायता समूह’’ को भी सम्मिलित किया गया है। शहरी क्षेत्र में स्वंर्ण जयन्ती स्वैरोजगार योजना का भी अनुश्रवण किया जाना है। योजनाओं का मासिक अनुश्रवण किया जा रहा है।

सूत्र सं0 2. जन—शक्ति - जनमानस को अधिकार सम्पोन्नय बनाने तथा शीघ्र न्या य की व्यनवस्थान हेतु पंचायती राज तथा स्था-नीय निकायों को स्थासनीय स्वाजयत्ते सरकारे बनायें जाने पर विशेष बल दिया जा रहा है। इस सूत्र के अन्त र्गत प्रकार्यो के अंतरण के लिए कार्यवाही योजना, बजट बनाना तथा पंचायतों द्वारा योजनाओं के हस्ताथन्त रण के लिए कार्मिकों के कार्य सम्मिलित है। सूत्र का मुख्या उद्देश्या शीघ्र एवं उचित न्याएय देना है जिसमें जिला योजना की अनुश्रवण समितियों को भी सम्मिलित किया गया है।

सूत्र सं0 3. किसान मित्र - कृषकों की आवश्य कताओं को ध्यायन में रखते हुए वाटरशैड विकास और शुष्क भूमि पर कृषि, किसानों को विपणन हेतु अधिसंचरनात्मनक सहायता, सिंचाई सुविधाएं (वृहद एवं लघु सिंचाई), डिप तथा बौछारी सिंचाई, किसानों को ऋण, जारी क्रेडिट कार्ड, अतिरिक्त भूमि का भूमिहीनों को आवंटन, आवास स्थडल आवं‍टन जैसी मदों के साथ सूत्र तैयार किया गया है। वाटर शैड विकास वृहद और लघु सिंचाई परियोजनाओं के माध्यसम से जल उपलध्गयाता किसानों के जीवन स्तिर में सुधारात्मंक होगी। बाजार के विकास के लिए किसानों के विकास से सम्ब्न्धित परियोजनाओं तथा किसानों के लिए कृषि विपणन इन्फ्रा स्टकचर का विकास, स्वीबक़ृत परियोजनाए ग्रामीण गोदामों के भंडारन जैसी मदों को सम्मिलित करते हुए किसान मित्र सूत्र सृजित किया गया है।

सूत्र सं0 4. श्रमिक कल्या ण - ग्रामीण असंगठित मजदूर, विशेषतः असंचित क्षेत्रों में कार्य की कमी के कारण बेरोजगार हो जाते हैं। सभी कर्मकरों के कल्या>ण हेतु इस सूत्र के अन्तयर्गत श्रमिकों के लिए सामाजिक तथा न्यू्नतम मजदूरी प्रर्वतन (फार्म श्रमिकों सहित) मदें सम्मिलित की गई हैं। जोखिम भरे कार्यों पर लगे बाल श्रमिक को हटाने तथा उनके पुर्नवास के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा बाल श्रम पर एक राष्ट्रीउय नीति अपनाई गई है। केन्द्रे सरकार द्वारा श्रमिकों की समस्या ओं हेतु पृथक सैल भी गठित किया गया है। महिलाओं की स्थिति मजबूत बनाने तथा उनके वेतन एवं कार्य की शर्तों में सुधार लाने, कार्यकुशलता बढ़ाने तथा रोजगार के अवसरों का पता लगाना इस कार्यक्रम का उद्देश्यस की पूर्ति हेतु ‘’महिला श्रमिक कल्याकण’’ मद को इस सूत्र के अन्तमर्गत सम्मिलित किया गया है।

सूत्र सं0 5. खाद्य सुरक्षा - लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (T.P.D.S.), अन्तो दय अन्नस योजना (A.A.Y.) तथा खाद्य अभाव ग्रस्त/ क्षेत्रों में खाद्य बैंकों की स्थाDपना जैसी मदों को इस सूत्र के अन्त र्गत शामिल किया गया है। गरीबी की रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को लक्ष्यूपरक बनाने हेतु सरकार द्वारा P.D.S. का पुर्नगठन किया गया है, जिससे गरीब लोगों को खाद्य सुरक्षा मिल सके। उत्तरराखण्डा राज्ये में इस सूत्र के नोडल खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को बनाया जा रहा है।

सूत्र सं0 6. सबके लिए आवास - ग्रामीण क्षेत्रों में आवासहीन बी.पी.एल. परिवारों को आवास सुविधा मुहैया कराने के लिए इन्दिरा आवासों का निर्माण तथा शहरी क्षेत्रों में निर्बल वर्ग आवास व अल्प आय वर्ग आवास बनाया जाना इस सूत्र के अन्तशर्गत समाहित है। राज्य् सरकार द्वारा सरलीकृत सहऋण आवास योजना ग्रामीण क्षेत्रों में भी लागू की गई है।

सूत्र सं0 7. शुद्ध पेयजल - ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में प्रत्येपक घर में शुद्ध पेयजल प्रदान करना तथा पेयजल उपलध् ता बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता रही है। इस सूत्र के अन्ततर्गत “स्वाजल धारा’’, “त्वेरित ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम’’ तथा शहरी क्षेत्रों के लिए “त्वारित शहरी जलापूर्ति’’ कार्यक्रमों को सम्मिलित किया गया है। इस कार्यक्रम के अन्तसर्गत शहरी व ग्रामीण क्षेत्र को शुद्ध पेयजल प्रदान करना तथा अनुसूचित जाति व जनजातीय क्षेत्रों में जलापूर्ति करने पर विशेष बल दिया गया है। राज्यि स्तथर पर कार्यक्रम के अन्ततर्गत असेवित तथा आंशिक सेवित बसावटों तथा पूर्व में छूटे तथा पेयजल गुणवत्तान समस्यायग्रस्तक बसावटों का प्रबोधन करते हुए रैंकिंग की जा रही है।

सूत्र सं0 8. जन—जन का स्वाुस्य्यक - मानव संसाधन विकास के अन्तलर्गत स्वािस्य् में सुधार लाया जाना इस सूत्र का प्रमुख उद्देश्यु है। स्वरच्छ‍ पेयजल, साफ—सफाई तथा रोगों का निवारण के साथ—साथ उचित दवाईयों का वितरण, सफाई प्रोत्सा्हन आदि पर विशेष ध्या>न दिया जाना सरकार का उद्देश्यि है। इस कार्यक्रम के माध्य्म से प्रमुख बीमारियों जैसा एच.आई.वी./एड्स, तपेदिक, मलेरिया, कुष्ठ व अंधता से निजात दिलाना “राष्ट्री य ग्रामीण स्वािस्य्जन मिशन’’ बाल प्रतिरक्षण, स्वसच्छिता कार्यक्रम के अन्तुर्गत व्यंक्तिगत पारिवारिक शौचालय व सांस्थाकनिक प्रसव, कन्याड भ्रूण हत्याध की रोकथाम, मां व शिशु हेतु पोषक युक्त् आहार तथा दो बच्चोंा के परिवार का मानक सम्मिलित है। राज्य् के परिप्रेक्ष्य में टीकाकरण का कार्य सुचारू रूप से चला है, इस कार्यक्रम हेतु स्वा स्य््छ एवं परिवार कल्याकण विभाग नामित किया गया है। उक्तस के अतिरिक्तय राज्यर स्तिर पर सामुदायिक स्वालस्य्ण केन्द्रों् की स्था्पना व प्राथमिक स्वाथस्य्मक केन्द्रच की स्थाापना कार्यक्रम भी अनुश्रवण के अन्तेर्गत सम्मिलित है। बीस सूत्री कार्यक्रम के अन्तदर्गत पल्सा पोलियों टीकाकरण कार्यक्रम का भी प्रबोधन किया जा रहा है।

सूत्र सं0 9. सबके लिए शिक्षा - देश के आर्थिक विकास एवं मानव विकास हेतु शिक्षा का अति महत्वरपूर्ण स्था न है। सामाजिक विकास के सभी संकेतक अर्थ व्यएवस्था की वृद्धि दर, जन्मत व मृत्युू दर और साक्षरता परस्प र जुड़े हुए हैं। 15 से 35 वर्ष की आयु वाले ग्रुप में निरक्षता खत्म करना तथा 14 वर्ष तक की आयु वाले बच्चोंक को प्राथमिक शिक्षा उपलब्धर कराया जाना अनिवार्य है। “सर्वशिक्षा अभियान’’ का मुख्यब उद्देश्य समाज के निर्धनतम व्यीक्ति के लिए भी शिक्षा के अवसर उपलब्ध् कराया जाना है। मध्या हन भोजन योजना सबसे बड़ा स्कूसली पोषक कार्यक्रम है, जिसमें विश्वध में 8 लाख से अधिक प्रा‍थमिक विद्यालयों तथा 12 करोड़ बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। इस कार्यक्रम का नोडल विभाग राज्य’ स्तिर पर राज्यक स्तजरीय सर्वशिक्षा अभियान परियोजना है। सूत्र के अन्त र्गत शिक्षकों की नियुक्ति, कुल भवनों का निर्माण, प्राथमिक स्तयर पर स्कूरल छोडने वालों की दर का प्रबोधन किया जा रहा है। अनिवार्य प्रारम्भिक शिक्षा के अन्तार्गत शामिल बच्चोंक, आवंटित एवं प्रयुक्तय खाद्यान्न् तथा किचन शैड यूनिट का निर्माण किया जाना मुख्यय है। यद्धपि इस कार्यक्रम की समीक्षा पूर्व में भी की जाती रही है, भविष्यच में इस कार्यक्रम को गति देने हेतु सम्ब्न्धित विभाग की गहन समीक्षा अनिवार्य होगी।

सूत्र सं0 10. अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्प अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग व अल्पन संख्यवकों के हितों की सुरक्षा व विकास में सामाजिक न्यािय प्रदान करने के उद्देश्यड से कार्यक्रम को संचालित किया गया है। अल्प‍ संख्य कों के कल्यानण हेतु सरकार द्वारा 15 सूत्री कार्यक्रम का कार्यान्वायन भी किया जाना है। इस सूत्र का उद्देश्यन उक्ता वर्गो को शिक्षा व रोजगार के अवसर तथा उनके जीवन स्तार में गुणात्मनक सुधार लाना है। कार्यक्रम के अन्त्र्गत “अनुसूचित जाति परिवारों को आर्थिक सहायता’’, अनुसूचित जनजाति के परिवारों को आर्थिक सहायता’’ सफाई कर्मियों का पुर्नवास वन वासियों को वनों का अधिकार, “आदिम जनजाति समूह’’, जनजातियों के सभी समुदायों को व्यववसायिक शिक्षा देना रोजगार के अवसर मुहैया कराया जाना है। पिछड़े वर्गो को शिक्षा व रोजगार का भी प्राविधान इस सूत्र में समाहित है। समाज कल्याडण विभाग इस सूत्र का नोडल है।

सूत्र सं0 11. महिला कल्या्ण - सभी कार्यक्रमों में महिलाओं के लिए समान अवसरों तथा महिला विकाश से सम्बमन्धित आवश्यगकताओं, महिला सशक्तिकरण आदि हेतु सरकार द्वारा विभिन्नल योजनाएं कार्यान्वित की जा रही है। लिंग समानता को बढ़ावा देने और सामाजार्थिक फ्रंट पर महिलाओं को बनाने हेतु ‘’महिला कल्याैण’’ सूत्र कार्यान्वित किया जा रहा है। महिलाओं के कल्या ण के लिए वित्तीाय सहायता पंचायतों, नगरपालिकाओं, विधान मण्डालों तथा संसद तक महिलाओं की भागीदारी जैसे मदों का प्रबोधन किया जा रहा है।

सूत्र सं0 12. बाल कल्या ण - इस मद में मुख्यातः समन्वित बाल विकास केन्द्रोंह तथा उसके अन्तीर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन को विशेष बल दिया गया है। बाल्याेवस्थाण विकाश के लिए आई.सी.डी.एस. विश्वस के सबसे बड़े कायक्रमों से एक कार्यक्रम है। जहां एक ओर स्कूाली शिक्षा प्रदान करना इस कार्यक्रम का मुख्यए उद्देश्य‍ तो है ही, वहीं कुपोषण, रूग्णएता तथा शिक्षा प्राप्ति तथा मुत्युय दर को चुनौती देना भी इस कार्यक्रम का उद्देश्यह है। यह योजना सामाजिक कार्यकर्ताओं के माध्युम से मूल सेवाओं की ओर उन्मुइख एक एकीकृत दृष्टिकोण प्रदान करती है। आंगनबाड़ी से यह सुविधा प्रदान की गई है। आंगनबाड़ी खेलकूद केन्द्र , शिशु देखभाल गृह होता है जो ग्राम में स्थित होता है। वर्ष 2008—09 तक उत्तयराखण्ड् में 99 बाल विकाश केन्द्रों के अन्त्र्गत 9664 आंगनबाड़ी संचालित करने का लक्ष्य हैं। आंगनबाडी केन्द्रों में शामिल बच्चोंक तथा कुपोषण के मामलों को दूर करने पर विशेष बल दिया गया है। इस कार्यक्रम का नोडल विभाग आई.सी.डी.एस. नामित किया गया है।

सूत्र सं0 13. युवा कल्यामण - रोजगार के अधिक अवसर न होना, सीमित शैक्षिक सुविधाएं और पृथकतावादी ताकतों की बढ़ती शक्ति तथा पश्चिमी सभ्य ता का आकर्षण युवाओं की प्रमुख समस्याृ रही है। युवा विकाश पर बल देने के उद्देश्यर “युवा कल्याहण’’ सूत्र से ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सभी के लिए खेल “राष्ट्रि सदभावना योजना’’ और ‘’राष्ट्री य सेवा योजना’’ मदों का समाहित किया गया है।

सूत्र सं0 14. बस्तीि सुधार - शहरों की मलिन बस्तियों में निवास करने वाले परिवारों के विकास हेतु बस्तियों के सुधार की योजना लागू है। शहरी क्षेत्रों में असमान संरचनात्मीक निवास के फलस्वतरूप मलिन बस्तियों की संख्याा में वृद्धि भी हुई है। इस कार्यक्रम में विभिन्नं विकास कार्यक्रमों को स्थामपित कर लाभान्वित जनसंख्याि का अनुश्रवण बीस सूत्री कार्यक्रम 1986 के अन्तार्गत किया जाता था, परन्तुस पुनर्संरचित बीस सूत्री कार्यक्रम 2006 में सात विकास सूत्री चार्टर— भूमि पट्टा, वहन करने योग्यन आवास, स्वरच्छ पेयजल, स्व6च्छसता, स्वा स्य् , शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के अधीन मलिन बस्तियों के निर्धन परिवारों की संख्यास का अनुश्रवण किया जायेगा। राज्यष में शहरी विकास विभाग इस कार्यक्रम का नोडल विभाग है।

सूत्र सं0 15. पर्यावरण संरक्षण एवं वन वृद्धि - आज जनमानस की सहभागिता से पर्यावरणीय अनवरता सुनिश्चित करना विकाश हेतु अत्य धिक उपयोगी है। पर्यावरण सम्बणन्धी कठोर नियम सक्षम नियामक अभिकरण तथा उचित प्रवर्तन पर्यावरण की सुरक्षा हेतु अत्ययन्त‍ आवश्यनक हो चुका है। इस क्षेत्र में आम जनमानस तथा मीडिया की भी भूमिका महत्वतपूर्ण है। पर्यावरण की सुरक्षा करना प्रत्येहक मानस जीवन का कर्तव्यआ भी है। इस उद्देश्यत से भी सार्वजनिक व वन भूमि पर वृक्षारोपण के कार्य को इस सूत्र में सम्मिलित किया गया है। सार्वजनिक-वन भूमि में अधिक से अधिक पौधों के रोपण कर उन्हें जीवित रखने तक का मुख्यव कार्य है। उक्त के अतिरिक्तस नदियों, जलाशयों के पानी को प्रदूषण से बचाव हेतु राष्ट्री य झील संरक्षण जैसी योजना सूत्र में शामिल की गई है। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में Solid and liquid Waste Management योजना भी जोडी गई है। राज्यो स्त र पर इन सभी कार्यक्रमों की समीक्षा की जायेगी।

सूत्र सं0 16. सामाजिक सुरक्षा - समाज के कमजोर वर्गो को सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य> से इस सूत्र में विकलांगों और अनाथों के पुर्नवास और वृद्धजनों के कल्यागण मद सम्मिलित हैं। सरकार द्वारा अशक्तै लोगों के लिए राष्ट्रीरय नीति बतायी गई है। इस नीति के तहत विकलांग व्य्क्तियों के लिए शारीरिक एवं आर्थिक पुर्नवास उपाय किये जाये। देश के अन्दयर गोद लेने की व्य्वस्थाो तथा इन कंट्री अडोपशन को बढ़ावा देने तथा विकलांग महिलाओं व बच्चों की समस्याक का समाधान करने हेतु सहायता योजना शुरू की गई हैं वृद्ध सदस्योंि का ध्याचन रखने के लिए परिवारों को प्रोत्सातहित किया जाना चाहिए। समाज कल्याृण विभाग इस सूत्र का नोडल है।

सूत्र सं0 17. ग्रामीण सड़क - भारत निर्माण के छः घटकों में से ग्रामीण सड़क निर्माण एक मुख्यर घटक है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अन्तरर्गत पर्वतीय क्षेत्र में 1000 से कम जनसंख्या‍ वाले ग्रामों व आदिवासी क्षेत्रों में 500 तक आबादी वाले क्षेत्रों में योजना के तहत वर्ष 2009 तक सभी मौसमों के अनुकूल सड़के जोड़े जाने का लक्ष्यं है।

सूत्र सं0 18. ग्रामीण उर्जा - ग्रामीण क्षेत्रों की उर्जा की आवश्येकताओं को पूरा करने के लिए परंपरागत विद्युत, गैर परम्पररागत उर्जा स्रोतों जैसे बायोगैस और सौर उर्जा प्रणाली दूरस्थश ग्रामों में उर्जा प्रदान करने के समुचित श्रोत हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में “राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना’’ बायो—डीजल उत्पामदन उर्जा का नवीनीकरण, पम्प“सेटों हेतु बिजली की आपूर्ति तथा केरोसीन और एल.पी.जी. गैस मदों की समीक्षा इस सूत्र के अन्तलर्गत की जा रही है। पर्यावरण के अनुकूल होने तथा पैट्रोलियम के आयात के भार को कम करने हेतु बायोडीजल का प्रयोग अधिक से अधिक किया जाना उचित है। सरकार द्वारा जेट्राफ करकास के रोपण पर विशेष ध्याअन देते हुए बायो—डीजल का राष्ट्री य मिशन शुरू किया है। भारतीय वैज्ञानिक संस्थालयंत भी उर्जा के नवीनीकरण की प्रणालियों पर कार्य कर रही है। इस कार्यक्रम का उद्देश्यह वायु, जल विद्युत और बायोगैस पावर द्वारा परंपरागत विद्युत में वृद्वि‍ दूरस्थय ग्रामीण क्षेत्रों में खाना बनाने और बिजली के लिए नवीकरणीय उर्जा पहुंचाना और शहरी औद्योगिक और व्यउवसायिक उपयोग में नवीकरणीय उर्जा को बढ़ावा देना, स्टे शनरी, पोर्टेबल और ट्रांसपोर्ट एप्लीतकेशन का विकाश करना है। राष्ट्री य बिजली नीति घोषित कर दी गई है, त्व्रित विकास तथा सभी क्षेत्रों को विद्युत आपूर्ति तथा उपभोक्ताज हितों का कल्या ण सम्मिलित है। उर्जा की आवश्यतकता की पूर्ति हेतु मिटटी के तेल व एल.पी.जी. गैस की आपूर्ति की समीक्षा जैसे बिन्दुा इस सूत्र के अन्तकर्गत समाहित है। उक्तए कार्यक्रमों के नोडल विभाग राज्यी स्त र पर पावर कारपोरेशन तथा आपूर्ति विभाग हैं।

सूत्र सं0 19. पिछड़ा क्षेत्र विकास - पिछड़े क्षेत्र विकास के उद्देश्य से पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि नामक मद प्रवोधनार्थ सूत्र के सम्मिलित है। यह निधि महत्वनपूर्ण कमियों को दूर करने, योजनाओं के कार्यान्वरयन आयोजन व प्रबोधन के लिए व्य वसायिक सहायता देने के लिए वित्ती य स्रोत प्रदान करेगी।

सूत्र सं0 20. ई—शासन - सरकार द्वारा केन्द्री य, राज्य् तथा स्थाकनीय सरकार के स्तिर पर कार्यान्वित किये जाने के लिए कॉमन कोर एण्डस इन्फ्रो स्ट्रवक्चदर तथा अनेक मशिन कोड प्रोजेक्ट के साथ—साथ ई—शासन को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य् नागरिकों और व्य वसायों को बेहतर सरकारी सुविधा प्रदान करना है। आम आदमी को अपने क्षेत्र की सेवायें मुहैया करवाना तथा योजनाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। राज्यन सरकार, पंचायतों तथा नगर पालिकाओं को भी इसमें शामिल किये जाने का प्राविधान है। उत्तनरांचल राज्य, में आई.टी.डी.ए. के साथ—साथ भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप राष्ट्री य सूचना विज्ञान केन्द्रस को भी नोडल नामित किया जाता है। बीस सूत्री कार्यक्रमों की योजनाओं को पारदर्शिता की दृष्टि से विकास खण्ड वार/जनपैदवार सूची Website में upload कराये जाने हेतु Website gov.ua.nic.in/tp तैयार की गई है। यद्यपि जनपदों द्वारा इस सम्बरन्धW में अग्रोत्तार कार्यवाही की गई है, तथापित आगामी वित्ती य वर्ष से सूची प्रकाशन के Website में योजनाओं की प्रविष्टि करने के कार्य को प्राथमिकता दिया जाना आवश्य क होगा।

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बीस सूत्री कार्यक्रम 2006