पश्चिमी भारत के पश्चिमी महाराष्ट्र राज्य की पहाड़ियों की श्रृंखला है। पश्चिमी घाट में हरिशचंन्द्र श्रेणी से निकलते हुये यह पर्वतमाला दक्षिण-पूर्व की ओर 320 किमी तक महाराष्ट्र कर्नाटक राज्यों की सीमा तक फैली हुयी हैं। इसकी चौड़ाई पांच से नौ किमी के बीच हैं। पश्चिम में अधिक ऊँची बालाघाट पहाड़ियों की ऊँचाई 550-825 मीटर हैं, जो पूर्व की ओर कम होते हुये भीमा नदी में समाप्त हो जाती हैं। सपाट शिखर वाली ये पहाड़ियां अवतल प्रदेशों द्वारा विभाजित हैं और ये पूर्व की ओर अधिक चौड़ी हो जाती हैं। बालाघाट पर्वतमाला उत्तर में गोदावरी नदी और दक्षिण में भीम नदी के बीच जल-विभाजक का काम करती हैं।
इसके पश्चिम में अधिक वर्षा होती हैं और यहाँ वनस्पति पायी जाती हैं, लेकिन पूर्व में जमीन पथरीली और बंजर हैं।
समूची श्रेणी में चरवाहे रहते हैं और भेड़ों द्वारा बनाई गयी पगडंडियां छोटे गांवों तथा पहाड़ियों पर कहीं-कहीं स्थित मंदिरों को जोड़ती हैं।
पुणे से नासिक तक का राजमार्ग और दौंड(Daund) से मनमाड (Manmad) तक का रेलमार्ग बालाघाट को काटता है।
जलवायु और वनस्पति
इसके पश्चिम में अधिक वर्षा होती हैं और यहाँ वनस्पति पायी जाती हैं, लेकिन पूर्व में जमीन पथरीली और बंजर हैं।
गाँव और निवासी
समूची श्रेणी में चरवाहे रहते हैं और भेड़ों द्वारा बनाई गयी पगडंडियां छोटे गांवों तथा पहाड़ियों पर कहीं-कहीं स्थित मंदिरों को जोड़ती हैं।
परिवहन
पुणे से नासिक तक का राजमार्ग और दौंड(Daund) से मनमाड (Manmad) तक का रेलमार्ग बालाघाट को काटता है।
Hindi Title
बालाघाट पर्वत श्रेणी
संदर्भ