बुन्देलखण्ड - पानी की वजह से खुनी रिश्तों में खाई

Submitted by RuralWater on Tue, 05/24/2016 - 09:42

पिछले साल 25 दिसम्बर को छतरपुर जिले के बमनौरा के ग्राम हरसी में तालाब से खेती की सिंचाई को लेकर जीतलाल यादव की जमकर पिटाई कर दी थी। पड़ोस के खेत के हमलावरों ने दहशत फैलाने के लिये गोली भी चलाई जो जीतलाल को जा धँसी थी। टीकमगढ़ जिला मुख्यालय में नायक मोहल्ले में हैण्डपम्प पर पानी भरने को लेकर इस कदर विवाद बढ़ गया था कि दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई। जल आपूर्ति के स्रोतों के सूखने से हालात बद-से-बदतर होते जा रहे हैं। प्यास और बूँद-बूँद पानी की जद्दोजेहद ने बेरंगे पानी को लाल रंग में बदल दिया है। रिश्ते-नातों, सम्बन्धों से अधिक पानी की अहमियत हो चुकी है। तभी इस तरह की घटनाएँ चौंका रही हैं कि बहन ने बहन को और भाई ने भाई को इस कारण मौत के घाट उतार दिया क्योंकि रिश्तों पर भारी पानी की जरूरत हो चली है।

छतरपुर शहर में पानी के विवाद को लेकर एक महिला ने अपनी बड़ी बहन को लाठी से पीट दिया। महिला को ऐसा सदमा बैठा कि उसकी मृत्यु हो गई। घटना सटई रोड स्थित श्रीधर कालोनी में घटित हुई। यहाँ नामदेव जाति की दो सगी बहनों के घर सटे हुए हैं। आँगन में साझा कुआँ है जिसमें पानी की कमी हो गई। इसे लेकर दोनों बहनों में मुँहवाद हुआ, लेकिन छोटी बहन पुष्पा पत्नी मुन्ना नामदेव ने बड़ी बहन इमरत नामदेव को घर में घुसकर लाठी से पीट दिया।

शरीर में आई चोट और छोटी बहन की इस हरकत से इमरत को इस कदर सदमा लगा कि ब्लडप्रेशर बढ़ने से उसे जिला अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। जहाँ सुधार ना होने पर उसे मसीह अस्पताल लाया गया जहाँ उसकी मृत्यु हो गई। मामले की रिपोर्ट भी सिविल लाइन थाने में की गई है। पानी को लेकर खूनी रिश्तों में दरार का यह पहला मामला नहीं है बल्कि सूखे के शुरुआती दौर में ही खूनी रिश्तों को खून से लाल होने का सिलसिला शुरू हो चुका था।

छतरपुर जिले के ईशानगर थाना के ग्राम सलैया में 29 जनवरी को हैण्डपम्प खनन के स्थान को लेकर मुन्नीलाल यादव को इस कदर अपने सगे चचेरे भाईयों से विवाद हुआ कि उसे कुल्हाड़ी से कतर दिया गया था। विवाद का कारण था कि मुन्नीलाल चाहता था कि हैण्डपम्प सार्वजनिक स्थान पर लगे जबकि चचेरे भाई कालू, स्वामी, बललू, मूलचंद, सन्तोष हैण्डपम्प को अपने घर के परिसर में लगवाना चाहते थे। इस मामले में हत्या का मामला दर्ज हुआ। इसके पूर्व भी 15 नवम्बर 2015 को छतरपुर जिले के चंदला थाने के गाँव ग्वालभाटा में सगे चचेरे भाइयों ने ही गोली मारकर 32 वर्षीय प्रकाश राजपूत की हत्या कर दी थी।

विवाद खेत में सिंचाई को लेकर था। इसी माह 8 मई को चाचा से पानी के विवाद पर मुकेश कोरी नामक युवक ने फाँसी पर झूलकर अपनी जीवनलीला का अन्त कर लिया था। टीकमगढ़ जिले के निवाड़ी में घटित इस घटना में मुकेश कोरी पानी सप्लाई की पाइप लाइन में मोटर लगा रहा था। उसके सगे चाचा ने मना किया तो वह फाँसी पर झूल गया। पानी की जरूरत ने उसकी अहमियत से रिश्तों और सम्बन्धों तक को छिन्न-भिन्न कर दिया है। जिसके कारण घटनाएँ भी गम्भीर रूप लेती जा रही है।

पिछले साल 25 दिसम्बर को छतरपुर जिले के बमनौरा के ग्राम हरसी में तालाब से खेती की सिंचाई को लेकर जीतलाल यादव की जमकर पिटाई कर दी थी। पड़ोस के खेत के हमलावरों ने दहशत फैलाने के लिये गोली भी चलाई जो जीतलाल को जा धँसी थी। टीकमगढ़ जिला मुख्यालय में नायक मोहल्ले में हैण्डपम्प पर पानी भरने को लेकर इस कदर विवाद बढ़ गया था कि दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई। जल आपूर्ति के स्रोतों के सूखने से हालात बद-से-बदतर होते जा रहे हैं।

छतरपुर जिले के हरपालपुर में तो पानी को लेकर नगरपंचायत के सीएमओ और पार्षद के बीच विवाद का मामला पुलिस की चौखट तक जा पहुँचा। नगर के वार्ड नम्बर 7 के पार्षद आदित्य त्रिपाठी का पानी के टैंकर की माँग को लेकर सीएमओ अवस्थी से कहासुनी हो गई। दोनों पक्षों ने पुलिस में शिकायत की। जिसमे पार्षद के खिलाफ पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया। यह घटनाएँ दर्शाती है कि रिश्तों पर पानी की जरूरत भारी होती जा रही है। वो प्यास जो पानी से बुझती है लेकिन अब तो पानी ही खून का प्यासा होता जा रहा है।