भोपाल

Submitted by Hindi on Sat, 08/27/2011 - 12:44
भोपाल स्थिति : 23 16 उ0 अ0 तथा 77 36 पू0 दे0। भारत में मध्य प्रदेश राज्य के सिहोर जिले में, इंदोर से 125 मील पूर्व स्थित, राज्य की राजधानी एवं प्रमुख नगर है। स्वतंत्राप्राप्ति के पहले यह एक देशी रियासत थी। इसका वर्तमान भोपाल नाम शायद परमार वंश के राजा भोज के नाम पर ही पड़ा है। पुरातत्व पारखियों का मत है कि भोपाल का प्राचीन नाम भोजपाल रहा है। यहाँ कई प्रसिद्ध ताल है जिनमें भोपाल ताल देश के बड़े तालाबों में से एक है, जिसकी लंबाई लगभग सात मील है। श्यामला पहाड़ी तथा ईदगाह पहाड़ी के मध्य निर्मित इस ताल की शोभा बड़ी निराली है। इसे पुराने भोजसागर का ही एक भाग माना जाता है। नगर की जलपूर्ति इसी तालाब से होती है। नवाब हयात खाँ द्वारा निर्मित आधे वर्ग मील के आकारवाला एक छोटा ताल भी है। यहाँ एक प्राचीन रूपसी गोंड़ रानी कमलापति का महल है। शायद भोपाल का यह सबसे प्राचीन स्मारक है। इन्हीं रानी की याद में इसी महल से लगा एक कमलापति उद्यान भी है। यहाँ दिल्ली की जामा मस्जिद से प्रेरणा लेकर बेगम शाहजहाँ द्वारा बनवाई एक विशाल तथा अधूरी ताजउल मस्जिद है। इस मस्जिद के बड़े कक्ष की कारीगिरी बड़ी सुंदर है जो पत्थरों पर की गई है। मस्जिद के पीछे की ओर बेनजीर तथा ताजमहल नामक भवन विद्यमान हैं। भोपाल के मध्य में जामा मस्जिद स्थित है जो प्राय: नगर के सभी प्रमुख बाजारों से दिखाई पड़ती है। इसके अलावा मोती मस्जिद तथा सदर मंजिल भी दर्शनीय हैं। नगर से लगभग सात मील दूर पिपलानी में आधुनिक भारी बिजली उद्योग कारखाना स्थित है, जिसमें हजारों लोग कार्य करते हैं। इस कारखाने के कारण भोपाल का महत्व काफी बढ़ गया है। यहाँ अरेरा पहाड़ी पर बिड़ला बंधुओं द्वारा निर्मित एक लक्ष्मी नारायण मंदिर है जो अति भव्य है1 नगर की जलवायु शुष्क व ठंढी और वार्षिक वर्षा का औसत 42 इंच है। समीपवर्ती भाग की काली मिट्टी में कपास, गेहूँ, दलहन, ज्वार, मक्का, गन्ना तथा तिल आदि का उत्पादन होता है। उद्योगों में सूती वस्त्रों की बुनाई, छपाई, आभूषण, सुंदर बटुए, हैंडबेग तथा गुटका सुपारी बनाने का काम होता है। नगर की जनसंख्या 2.22,948 (1961) है।

रामसहाय खरे

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संदर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
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