सह्याद्री की दो भुजाओं के बीच बनी एक द्रोणी में भीमाशंकर का गुफा मंदिर है। उसी मंदिर के पीछे जो कुंड है वह भीमारथी नदी उद्गम स्रोत है। संक्षिप्त में भीमा (भीमारथी) पतली धार के रूप में पर्वत की ढलान से उतरती है। फिर वह नदी का आकार लेकर पूर्व की ओर बहती हुई रामचूर से सोलह मील उत्तर में पहुंचकर कृष्णा नदी में समा जाती है। भीमा पुण्य सरिताओं में मानी जाती है। कई पुराणों और महाभारत के भीष्म पर्व और वन पर्व में भीमारथी का वर्णन है। भीमारथी का उल्लेख महाराज कीर्तिवर्मा द्वितीय के वक्कलोरिदान पत्र (757 ई.) में भी है।
Hindi Title
भीमारथी नदी
अन्य स्रोतों से
संदर्भ
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