संवहन सिद्धांत में प्रायः मान ली जाने वाली एक कल्पना जिसमें ताप से होने वाले प्रसार को एक उत्प्लावकता मान लिया जाए तो सामान्यरूप से तरल को असंपीड्य मान सकते हैं। इस उत्प्लावकता को g a T से निरूपित करते हैं जहां g गुरुत्व-त्वरण, a तापीय प्रसार गुणांक और T क्षोभ ताप है।
अन्य स्रोतों से
बाहरी कड़ियाँ
1 -
2 -
3 -
2 -
3 -
विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)
वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
हिन्दी में -
शब्द रोमन में
संदर्भ
1 -
2 -
2 -