दिल्ली से 118 कि.मी. दूर कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसर नामक प्राचीन झील है, जिसका पौराणिक महत्व महाभारत काल से है। ग्रहण के समय इसमें लाखों लोग स्नान करते हैं क्योंकि कहा जाता है उस दिन इसमें हर तीर्थ का जल होता है, इसलिए इसका धार्मिक महत्व नकारा नहीं जा सकता। इसके समीप सुंदर लाल मस्जिद और कारीगरी का उत्कृष्ट उदाहरण लिए छोटी सी मजार है। कभी यहां सरस्वती नदी बहती थी, अब वहां मात्र छोटा सा जलाशय है तथा भीष्म शैय्या के स्थान पर भी एक सरोवर है। बह्मसर झील करीब 1,400 मीटर लम्बी और 700 मीटर चौड़ी है। इसका निर्माण महाराज कुरु ने करवाया था। इसमें दो द्वीप हैं जिनमें प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर हैं। छोटे द्वीप में गरुड़ सहित भगवान् विष्णु का मंदिर है।
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