चैत अमावस मूल को

Submitted by Hindi on Wed, 03/17/2010 - 16:31
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घाघ और भड्डरी

चैत अमावस मूल को, सरसै चारो बाय।
निश्चय बांधो झोपड़ी, बरखा होय सिवाय।।


शब्दार्थ- सरसै – बहना।

भावार्थ- यदि चैत्र मास की अमावस्या को मूल नक्षत्र पड़े और हवा चौतरफा बहने लगे तो रहने के लिए झोपड़ी छा लेनी चाहिए क्योंकि वर्षा तेज होने की सम्भावना है।