चक्रवात

Submitted by Hindi on Thu, 08/11/2011 - 15:28
चक्रवात घूर्णनी वायुसंगठन का नाम है। इसके दो भेद हैं : (1) उष्ण वलकियक चक्रवात (Tropical cyclone) तथा उष्णवलयपार चक्रवात (Extratropical cyclone)

उष्णवलयिक चक्रवात-

ये वायुसंगठन या तूफान हैं, जो उष्ण कटिबंध में तीव्र और अन्य स्थानों पर साधारण होते हैं। इनसे प्रचुर वर्षा होती है। इनका व्यास 50 से लेकर 1,000 मील तक का तथा अपेक्षाकृत निम्न वायुदाबवाला क्षेत्र होता है। ये 20 से लेकर 30 मील प्रति घंटा तक के वेग से चलते हैं। इनमें वायुघूर्णन 90 से लेकर 130 मील प्रति घंटे तक का होता है। ये वेस्ट इंडीज में प्रभंजन (hurricane) तथा चीनसागर एवं फिलिपिन में बवंडर (typhoon) कहे जाते हैं।

उष्णवलयपार चक्रवात- यह मध्य एवं उच्च अक्षांशों का निम्न वायुदाबवाला तूफान है। इसका वेग 20 से लेकर 30 मील प्रति घंटे के वेग से सर्पिल रूप से चलती है। प्राय: इससे हिमपात एवं वर्षा होती है। दोनों प्रकार के चक्रवात उत्तरी गोलार्ध में वामावर्त (counter-clockwise) तथा दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिणावर्त (clockwise) रूप में संचारित होते हैं। उष्णवलयपार चक्रवात में साधरणतया वायु-विचनल-रेखा होती है, जो विषुवत की ओर निम्नवायुकेंद्र में सैकड़ों मील तक बढ़ी रहती है तथा गरम एवं नम वायु को ठंढी और शुष्क वायु से पृथक्‌ करती है। (अजित नारायण महरोत्रा)

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संदर्भ
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बाहरी कड़ियाँ
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