चण्डी प्रसाद भट्ट

Submitted by Editorial Team on Thu, 09/28/2017 - 15:51

चण्डी प्रसाद भट्टचण्डी प्रसाद भट्टसादा जीवन उच्च विचार के जीवन्त प्रतीक श्री चण्डी प्रसाद भट्ट उत्तराखण्ड में प्रकृति-संरक्षा के लोक-अनुष्ठान-चिपको आन्दोलन के प्रणेता हैं। आपका पूरा जीवन हिमालय क्षेत्र के विकास वन संरक्षण और समाज सेवा के लिये समर्पित है। वनों को लालच की मार से बचाने की आपकी पहल और अभियान के सार्थक परिणाम मिले हैं। व्यापक जन जागृति आई है। सुदीर्घ और असाधारण सेवाओं के सम्मान में भारत सरकार ने आपको पद्मश्री (1986) एवं पद्भूषण (2005) अलंकरण से सम्मानित किया है। सन 1982 में प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से विभूषित किया गया। गोविंद वल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने डी.एस.सी. तथा कुमाऊँ विश्वविद्यालय ने डी.लिट. की मानद उपाधि से विभूषित किया है। आपकी छह पुस्तकें प्रकाशित हैं, जिनमें ‘पर्वत-पर्वत बस्ती-बस्ती’ सबसे चर्चित हुई। श्री चण्डी प्रसाद भट्ट का जन्म 23 जून 1934 को गोपेश्वर, जिला चमोली, उत्तराखण्ड में हुआ।

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सर्वोदय केन्द्र, मन्दिर मार्ग, गोपेश्वर, जिला-चमोली (उत्तराखण्ड) – 246401
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