छद्दर कहै मैं आऊँ जाऊ

Submitted by Hindi on Wed, 03/24/2010 - 10:26
Author
घाघ और भड्डरी

छद्दर कहै मैं आऊँ जाऊ। सद्दर कहै गुसैयें खाऊँ।।
नौदर कहै में नौ दिस धाऊँ। हित कुटुम्ब उपरोहित खाऊँ।।


भावार्थ- घाघ कहते हैं कि जिस बैल के छः दाँत होते हैं वह कहीं ठहरता नहीं, सात दाँत वाला मालिक को ही खा जाता है और नौ दाँत वाला नौ दिशाओं में दौड़ता है एवं किसान के मित्र, कुटुम्बी और पुरोहित को खा जाता है।