क्रेटरः
सामान्यतः ज्वालामुखी के शीर्ष पर निर्मित एक द्रोणी सदृश या कप के आकार का गर्त जिसका लगभग 1000 मीटर होता है और गहराई इससे कहीं अधिक होती है। भूपृष्ठ पर उल्कापिंड के संघट्ट से निर्मित गर्त को भी क्रेटर कहते हैं।
(क) कीपाकार गर्त, जो किसी ज्वालामुखी शिखर अथवा उसके पार्श्व में पाया जाता है और जिससे उद्गार होता रहता है।
(ख) किसी ज्वालामुखी का मुख
(ग) किसी खान के विस्फोट से निर्मित कोटर अथवा गुहिका।
(घ) किसी उल्का के भुपृष्ठ पर गिरने से निर्मित गर्त।
प्याले के आकार की ढलवा ढलान जो विस्फोटक घटनाओं से निर्मित होती है।