डेड सी स्थिति

Submitted by Hindi on Wed, 08/17/2011 - 09:39
डेड सी स्थिति: 31 30 उ0 अ0 तथा 35 30 पू0 दे0। यह जार्डन और इजराएल की सीमा पर स्थित विश्व की अत्यधिक खारे पानी की झील है। इसे अरबी भाषा में वहरेत लूट (Bahret Lut) भी कहते है। 75.2 किलोमीटर लंबे तथा 14.4 किलोमीटर चौड़े इस जलखंड का भूगर्भवेताओं ने मायोनीन युग की एक विभ्रंश घाटी (rift valley) का भाग माना है। यह विभ्रंश घाटी दक्षिण अफ्रीका की निऐसा झील से प्रारंभ होकर विक्टोरिया आदि झीलों तथा लाल सागर हाती हुई जार्डन की घाटी तक फैली हुई है। यह अब तक अन्वेषित संसार की सबसे गहरी विभ्रंश घाटी है और समीपवर्ती भूमध्यसागर की सतह से 363.8 मीटर नीची है। शुष्क प्रदेश में स्थित होने के कारण जल की पूर्ति कम हो पाती है। जार्डन ही प्रमुख नदी है, जो उत्तर से आकर इसमें मिलती है। इस नदी द्वारा प्रति दिन लगभग 60,00,000 गैलन जल इसमें गिरता है।

इतिहास एवं पुरातत्व की दृष्टि से इस सागर और समीपवर्ती क्षेत्र का अधिक महत्व है। दक्षिणी तट पर कुछ ऐतिहासिक नगरों एवं बस्तियों के अवशेष मिलते हैं, जो इसकी प्रस्थिति का द्योतक है। इनमें सोडम (Sodom) और गोमोनाह (Gomonah) के अवशेष विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। ऐसा अनुमान है 1900 ई0 से अब तक इसका तल लगभग 6.1 मीटर (20 फुट) ऊपर उठ गया है।

खारेपन मे यह विश्व का बेजोड़ सागर है। इसमें लगभग 27 प्रतिशत ठोस पदार्थ जल में घुले हुए हैं, जो इसके जल के घनत्व को 1.166 कर देते हैं। इस सागर के पूर्वी एवं पश्चिमी तट की रचना भी विभिन्न है। पूर्व में बालू के पत्थर द्वारा निर्मित भी आव प्लैटो है जो 1,300 मीटर से अधिक ऊँचा है और पश्चिमी तट चूने के पत्थर की चट्टानों से निर्मित हैं, जो सागर की सतह से लगभग 650 मीटर (2000 फुट) ऊँची है।

सागर के खारेपन ने जल जतुओं का जीवन दूभर कर दिया है और फलस्वरूप पक्षियों का कलरव भी सुनने को नहीं मिलता। केवल थोड़े से उत्तरी भाग में, जहाँ तक जार्डन नदी के जल का प्रभाव रहता है, कुछ जलजीव जीवित रहते हैं

 कैलाशनाथ सिंह

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संदर्भ
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