दिल्ली सरकार भूजल बचाने के लिए सीवर के शोधित पानी का प्रयोग करेगी

Submitted by Editorial Team on Sat, 05/18/2019 - 10:21
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हिंदुस्तान, नई दिल्ली 18 मई 2019

राजधानी में मेट्रो की सफाई से लेकर पार्कों, बागवानी तक में अब भूजल की जगह सीवर के शोधित पानी का प्रयोग होगा। शोधित जल किसानों को खेती और निर्माण कार्य में इस्तेमाल के लिए भी मुहैया कराया जाएगा, ताकि यमुना में बढ़ते प्रदूषण और तेजी से कम होते भूजल से बचा जा सके।

यमुना को प्रदूषण से बचाने और भूजल संरक्षण के लिए कार्ययोजना बनाई

दिल्ली सरकार ने इस संबंध में कार्ययोजना तैयार कर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को भेज दी है। सीपीसीबी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में रिपोर्ट पेश करते हुए यह जानकारी दी है। रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने तत्काल प्रभाव से सरकार सहित सभी संबंधित महकमों को्रेन, मेट्रो धुलाई और अन्य कार्य के लिए शोधित पानी के इस्तेमाल का निर्देश दिया है।

प्रतिदिन 459 एमजीडी सीवर के पानी का शोधन

“1000 एमजीडी पानी की प्रतिदिन जरूरत होती है राजधानी दिल्ली में । 500 एमजीडी हरियाणा, 440 एमजीडी गंगा व ट्यूबवेल से मिलता है । 60 एमजीडी पानी प्रतिदिन सीधा यमुना से लेने की जरूरत होती है । 3268 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) सीवर से निकलता है । 2756 एमएलडी सीवर को ट्रीट करने की क्षमता । 2083 एमएलडी सीवर का ही शोधन हो रहा है।”

दिल्ली जल बोर्ड प्रतिदिन 459 एमजीडी सीवर के पानी को शोधित करता है, लेकिन इसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा था। ट्रिब्यूनल के प्रमुख जस्टिस ए.के. गोयल की अगुवाई वाली पीठ के सामने मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली जल बोर्ड ने कहा कि डीडीए और नगर निगमों ने शोधित पानी के इस्तेमाल के लिए अपनी सहमति दे दी है। जल बोर्ड ने कहा कि पाइप लाइन बिछाने तक टैंकर से पानी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके बाद पीठ ने ह्रदय और अन्य कार्यों के लिए सीवे ट्रीटमेंट प्लांट से शोधित पानी टैंकर के जरिए लेने का निर्देश दिया।

15 राज्यों ने बनाई योजना

सीपीसीबी ने एनजीटी को बताया कि दिल्ली, मध्य प्रदेश, सहित 15 राज्यों ने सीवर के शोधित पानी के पुन: उपयोग की कार्य योजना तैयार की है। 21 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों ने कोई कार्ययोजना अभी तक नहीं भेजी है। पीठ ने उन राज्यों के मुख्य सचिव / प्रशासकों को 30 जून तक कार्ययोजना बनाकर सीपीसीबी को प्रेषक का निर्देश दिया है।


तालाबों को पुनर्जीवित करने में भी उपयोग किया जाता है

ट्रिब्यूनल को बताया गया कि दिल्ली सरकार सीवर के शोधित पानी का इस्तेमाल खेती, बागवानी, मेट्रो सफाई, निर्माण कार्य के अलावा तलाबों को पुनर्जीवित करने के लिए भी करेगी। सरकार लगभग 250 से अधिक तलाबों को पुनर्जीवित करने की योजना पर काम कर रही है।

1000 एमजीडी पानी की प्रतिदिन जरूरत होती है राजधानी दिल्ली में । 500 एमजीडी हरियाणा, 440 एमजीडी गंगा व ट्यूबवेल से मिलता है । 60 एमजीडी पानी प्रतिदिन सीधा यमुना से लेने की जरूरत होती है । 3268 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) सीवर से निकलता है । 2756 एमएलडी सीवर को ट्रीट करने की क्षमता । 2083 एमएलडी सीवर का ही शोधन हो रहा है।