दक्षिणी अमरीका

Submitted by Hindi on Sat, 08/20/2011 - 11:30
दक्षिणी अमरीका स्थिति : 1230' उo अo से 5530' दoअo तथा 350' से 110' पूo देo। इस महाद्वीप का क्षेत्रफल लगभग पौने दो करोड़ वर्ग किमीo है। यह क्षेत्रफल में भारत से लगभग 5 गुना बड़ा है। इसकी अधिकतम लंबाई उत्तर से दक्षिण 7,500 किमीo तथा चौड़ाई पूर्व से पश्चिम 5,000 किमीo के लगभग है। भूगर्भवेताओं के मतानुसार यह महाद्वीप गोंडवाना भूभाग का वह पश्चिमी खंड है, जो सदूर अतीत में मुख्य भूभाग से तब पृथक्‌ हुआ था जब अफ्रीका, आस्ट्रेलिया दक्षिणी भारत आदि भूखंड भी एक दूसरे से पृथक्‌ हुए थे।

इस महाद्वीप में ब्राज़िल, अर्जेनटीना, चिली, यूरग्वे, पैराग्वे, बोलिविआ, पेय, एक्वाडॉर, कालंबिया, वेनिज़्वीला, गिआना (ब्रिटिश, डच, फ्रेंच) और फॉकलैंड द्वीपसमूह आदि देश हैं। यहाँ पर ऐंडीज पर्वतश्रृंखला, समुद्रतटीय मैदान (पश्चिमी तट) और नदीनिर्मित मैदान (ओरिनोको-पाराना-पराग्वे की घाटी) स्थित हैं।

पर्वत, पठार और नदीघाटियों से भरा यह महाद्वीप सुगमतापूर्वक तीन मुख्य प्राकृतिक विभागों में बाँटा जा सकता है : (1) पश्चिम में स्थित विशाल पर्वतमाला, (2) पूर्व में तीन प्रसिद्ध पठार और इनके बीच की निम्नभूमि एवं (3) नदियों की विस्तृत घाटियाँ। इस महाद्वीप के पश्चिम में उत्तर-दक्षिण दिशा में फैली हुई ऐंडीज़ नामक पर्वतमाला संसार की पर्वतामालाओं में सबसे अधिक लंबी है। उत्तर में पनामा स्थल डमरूमध्य से लेकर दक्षिण में मजेलेन जलसंयोजक तक इस पर्वतमाला की लंबाई लगभग 7,500 किमीo है। इसकी औसत ऊँचाई लगभग, 4,000 मीटर है। अनेक हिमाच्छादित चोटियाँ 6,000 मीटर से भी अधिक ऊँची हैं, इनमें कई ज्वालामुखी चोटियाँ हैं। सर्वोच्च चोटी ऐकंकाग्वा (7,000 मीटर) है, जो अर्जेंटीना में स्थित है।

ऐकंकाग्वा के निकट ऐंडीज पर्वतमाला दो शाखाओं में विभक्त हो जाती है। दोनों शाखाओं के मध्य बोलिविआ का पठार स्थित है। ये दोनों शाखाएँ सेयरा दूज पास्को पर मिल जाती हैं। फिर दो शाखाओं में विभक्त होकर एक्वाडॉर के पठार को घेरती हुई पास्तों की गाँठ पर मिलती हैं। यहाँ से उत्तर की ओर कई श्रेणियों में विभक्त होकर ये हाथ की उँगलियों के समान फैल जाती हैं। इनकी सबसे पूर्वी शाखा मुड़कर ट्रिनिडैड द्वीप तक जाती है। चिली देश में ऐंडीज़ पर्वत के समांतर एक तटीय श्रृंखला है। इन दोनों के बीच चिली की घाटी स्थित है। तटीय श्रृंखला दक्षिण की ओर खंडित होकर द्वीपमाला के रूप में दिखाई पड़ती है। इस महाद्वीप के पूर्वी भाग में गिआना, ब्राज़िल तथा पेटागोन्या नामक तीन पठार स्थित हैं। रचना की दृष्टि से ये पठार ऐंडीज़ पर्वत की अपेक्षा अधिक पुराने हैं। इनकी संरचना रवेदार एवं परिवर्तिज चट्टानों से हुई है। इनकी ऊँचाई 600 मीटर से 1,200 मीटर तक है। इन पठारों का धरातल नदियों द्वारा निर्मित गहरी एवं संकीर्ण घाटियों, भ्रंश घाटियों तथा अति तीव्र ढालों से खंडित हो गया है। ब्राज़िल के पठार की ढाल ऐमाजाँन नदी की ओर है। समुद्र की ओर यह ढाल दीवार की तरह खड़ी प्रतीत होती है।

इन पर्वतों एवं पठारों के अतिरिक्त दक्षिणी अमरीका का शेष भाग मैदानी है। इन मैदानी भागों में बड़ी बड़ी नदियाँ बहती हैं। ये मैदान इन्हीं नदियों द्वारा जमा किए गए अवसादों से निर्मित हुए हैं। ओरिनोको की घाटी, जिसका क्षेत्रफल लगभग 3,08,000 वर्ग किमीo है, वर्षा और ताप के कारण इदानों नामक घास से भरी है। शीत काल में इस मैदान का रंग भूरा हो जाता है। पाराना, पैराग्वे तथा यूरग्वे नदियों द्वारा निर्मित लेनोस तथा पेंयाज के मैदान का क्षेत्रफल 21,00,000 वर्ग किमीo है।

ऐंडीज पर्वत से अनेक नदियाँ निकलती हैं। पूर्व की ओर बहनेवाली नदियाँ लंबी हैं, जो ऐटलैंटिक महासागर में गिरती हैं। पश्चिमी की ओर बहनेवाली नदियाँ अपेक्षाकृत बहुत छोटी हैं और प्रशांत महासागर में गिरती हैं। पूर्वी पठारों से भी अनेक नदियाँ निकलती हैं। यहाँ की प्रमुख नदियाँ ऐमाजाँन (4,000 किमीo), फ्रैंसीशकू (3900 किमीo), पाराना (3950 किमीo), पैराग्वे (2400 किमीo), औरिनोको (2725 किमीo), मेग्डालीना (1525 किमीo) तथा टोकांटिस (2725 किमीo) हैं। इनके अलावा काउका, रीओनेग्रो, आपूरा, ज़ावारी, पूरूस, टापाज़ॉस, शिंङगू (Xingu), मॉमोरे पाइनाइवा, सॉलॉडो, नेग्रो आदी अन्य नदियाँ हैं।

टिटिकाका झील (9000 वर्ग किमीo) तथा पोओपो झील ऐंडीज़ पर्वत पर क्रमानुसार पेरू तथा बोलिविया देशों में स्थिति हैं। डोस पटोस तथा मीरीन नामक दो झीलें दक्षिणी ब्राज़िल में अनूपों (lagoons) में स्थित हैं। ये दोनों खारे पानी की झीलें हैं। इनके अतिरिक्त डी मैराकाइवो, ब्वेनस एयरीज आदि अनेक छोटी छोटी झीलें भी हैं।

जलवायु -


यह महाद्वीप स्थिति, आकृति, विषुवत्‌ रेखा और मकर रेखा की स्थिति, एंडीज़ पर्वत श्रृंखला और समुद्री धाराओं (गर्म और ठंढी) से प्रभावित रहता है। इस महाद्वीप का लगभग दो तिहाई भाग उष्ण कटिबंध में पड़ता है। महाद्वीप के उत्तरी विस्तृत भाग में आर्द्र हवाएँ तापांतर के ऊपर नियंत्रण रखती हैं तथा दक्षिणी भाग में समुद्री प्रभाव के कारण तापांतर अधिक नहीं हो पाता।

ऐंडीज़ पर्वत श्रृंखला प्रशांत महासागर से आनेवाली पश्चिमी हवाओं को पूर्व की ओर बढ़ने से रोकती है, तथा ऐटलैंटिक महासागर की हवाओं को रोकती है, तथा ऐटलैंटिक महासागर की हवाओं को रोक कर महाद्वीप के पूर्वी भागों में वर्षा कराती है। इस पर्वत के पूर्वी पादप्रदेशों में वृष्टिछाया प्रदेश के कारण वर्षा नहीं के समान होती है। गर्म समुद्री धारा के कारण महाद्वीप के उत्तरी और पूर्वी समुद्रतट गर्म रहते हैं, तथा इन प्रदेशों में अधिक वर्षा होती है। हंबोल्ट की ठंडी धारा के कारण चिली और उसके पास के तटीय प्रदेशों का ताप अक्षांशीय स्थिति की तुलना में कम रहता है और कोहरा तथा बादल छाए रहते हैं।

विषुवत्‌ रेखीय प्रदेशों में (ऐमाज़ॉन नदी की घाटी) साल भर गर्मी पड़ती है। जुलाई में भूमध्य रेखा के उत्तरी भाग में ताप 26 सेंo से अधिक रहता है, दक्षिण भाग में यह घटता जाता है। महाद्वीप के दक्षिण भाग में ताप लगभग 10 सेंo रहता है। एक्वाडॉर की राजधानी कीटो, विषुवत्‌ रेखा पर स्थित होते हुए भी काफी ठंडी रहती है। ऐमाजॉन नदी की घाटी में वाहनिक हवाओं से सालभर वर्षा होती है। महाद्वीप के उत्तरी पूर्वी भागों में, ऐटलैंटिक महासागर की ओर से बहनेवाली उत्तर-पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी वाणिज्य हवाओं से केवल जाड़े में वर्षा होती है। ग्रीष्म में यह भाग शुष्क रहता है। दक्षिणी चिली में पछुवा हवाएँ साल भर वर्षा करती हैं, किंतु ऐंडीज पर्वत इनके प्रभाव को पश्चिमी भागों में ही सीमित रखता है।

वनस्पतियाँ -


महाद्वीप के विभिन्न भागों में भिन्न भिन्न प्रकार की प्राकृतिक वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। ऐमाज़ॉन की घाटी में विषुवत्‌ रेखीय प्रदेश के सदाबहार वन मिलते हैं। यहाँ वर्षा की अधिक और कम मात्रा के परिणामस्वयप क्रमश: सेलवा और मॉटाना वनस्पतियाँ पाई जाती हैं।

ऊष्ण कटिबंधीय सदाबहार वृक्षों वाले जंगल प्रदेश के उत्तर और दक्षिण दोनों ओर सवाना घास के मैदान पाए जाते हैं। ओरिनोको घाटी और गिआना पठारके सवाना को कोले नोस तथा ब्राज़िल पठार के सवाना को कैंपास कहते हैं। शीतोष्ण कटिबंधीय पेंपाज़वाला क्षेत्र अर्जेंटीना और यूरग्वे के तटीय प्रदेश और ऐंडीज़ पर्वत के पादप्रदेश के मध्य भाग में स्थित है।

ऐंडीज़ के पर्वतीय प्रदेश में, विभिन्न ऊँचाई पर ताप और वर्षा की विभिन्नता के कारण वनस्पतियाँ जंगल (सदाबहार, पतझड़, तथा कोणधारी) और घास आदि के रूप में पाई जाती हैं।

कृषि एवं खनिज -


दक्षिण अमरीका खनिज पदार्थों की दृष्टि से विपन्न महाद्वीप है। याने खनिज पदार्थों की प्रचुरता यहाँ नहीं है। चिली, ब्राज़िल तथा अर्जेंटीना में लोहे की खानें हैं। पेरू, चिली, बोलिविआ, अर्जेंटीना, तथा वेनिज़्वीला में ताँबा मिलता है। मैंगनीज़ की खानें ब्राज़िल में हैं। संसार के टीन उत्पादन का पाँचवाँ भाग केवल बोलिविआ से ही प्राप्त होता है। गिआना तट पर ऐल्यूमिनियम मिलता है। चाँदी उत्पादक क्षेत्र चिली, पेरू तथा बोलिविआ हैं। ब्राज़िल, पेरू, बोलिविआ, वेनिज़्वीला, कोलंबिया, चिली तथा एक्वाडॉर में सोने की खानें हैं। पेट्रोल वेनिज़्वीला, कोलंबिया में प्राप्त होता है।

दक्षिणी अमरीका के निवासियों की आजीविका का मुख्य साधन कृषि और पशुपालन है। कृषि महाद्वीप के केवल पाँच प्रति शत भाग में होती है। महाद्वीप के दो बड़े देश ब्राज़िल और अर्जेटीना कृषि में अग्रणी है। कृषियोग्य भूमि के लगभग आधा भाग में खाद्यान्नों की उपज होती है और शेष भाग में अन्य व्यापारिक एवं औद्योगिक कच्चे मालों का उत्पादन होता है।

गेहूँ की उपज महाद्वीप में पर्याप्त होती है। इसका निर्यात संसार, के अन्य देशों को अधिक होता है। गेहूँ के प्रमुख उत्पादक देश अर्जेंटीना, यूरग्वे हैं। उपज का 60 प्रति शत भाग निर्यात होता है। मध्यचिली, दक्षिण ब्राज़िल के रीऊ ग्रैंडे दू सूल राजय में इसकी खेती होती है।

कहवे की उपज इस महाद्वीप में सबसे अधिक होती है। ब्राज़िल के सभी राज्यों में इसकी खेती होती है। साउंपौलू (Sao Poulo) में भी इसकी खेती होती है। ब्राज़िल के अतिरिक्त वेनिज्व़ीला, कोलंबिया, गिआना, एक्वाडॉर तथा बोलिविआ में भी कहवा पैदा होता है।

गिआना, ब्राज़िल, कोलंबिया, पेरू, तथा एक्वाडॉर के मैदान में धान उत्पन्न होता है। ब्राज़िल, अर्जेंटीना, पेरू, कोलंबिया, वेनिज्व़ीला, बोलिविआ तथा पैराग्वे में कपास की खेती होती है। इसके अतिरिक्त दक्षिणी अमरीका में मक्का, जई, तंबाकू, कोको, रबर तथा फलों की खेती भी की जाती है।

प्लाटा क्षेत्र में मवेशियों का पालन अधिक होता है। दक्षिणी अमरीका में मवेशियों की संख्या दस करोड़ से अधिक है। अन्य मवशियों की तुलना में यहाँ का उष्ण कटिबंधीय जलवायु भेड़ों के लिये अधिक प्रतिकूल है। परंतु पेरू के उच्च भागों में काफी संख्या में भेडे पाली जाती हैं। पेपांज़ और यूरग्वे के घास के मैदान में इनकी संख्या अधिक है। कृषियोग्य भूमि के विस्तार के साथ साथ इनकी संख्या अब कम हो गई है। भेड़ों का मांस, ऊन एवं चमड़ा भी बाहर भेजा जाता है।

उद्योग -


उद्योग धंधों की दृष्टि से दक्षिणी अमरीका अविकसित महाद्वीप है। यहाँ पर कृषि, पशुपालन, मांस को सुरक्षित रखने, मक्खन तथा पनीर बनाने और भेड़ों के पालने का उद्योग होता है। चीनी बनाना, आटा पीसना भी प्रमुख उद्योग है। यहाँ उद्योगों का आधार कोयला नहीं के बराबर पाया जाता है। खनिज पदार्थों के वर्तमान क्षेत्र रिक्त हो चुके हैं। खनिज भंडार महाद्वीप के पठारी और पर्वतीय क्षेत्र में हैं, जिनका विकास आवागमन एवं यातायात की कठिनाइयों के कारण नहीं हो पाया है।

महाद्वीप का एक विस्तृत भाग सदाबहार वनों से ढका है। इन क्षेत्रों में बहनेवाली नदियाँ भी बड़ी और नौगम्य हैं। परंतु श्रम की कमी तथा वनों की सघनता के कारण काष्ठ उद्योग अधिक विकसित नहीं है। इन वनों की लकड़ियाँ भी शीतोष्ण वनों की तुलना में अधिक कठोर होती हैं।

दक्षिणी अमरीका की जनसंख्या लगभग 14 करोड़ (1960) थी, जो उत्तरी अमरीका की जनसंख्या का 60 प्रति शंत है। जनसंख्या का वितरण असमान हैं। महाद्वीप के नगरों में ब्वेन सएयरीज, रीओडीज़ानेरो तथा साउंपौलू की जनसंख्या 10 लाख से ऊपर हैं। महाद्वीप की कुल 14 करोड़ जनसंख्या में से लगभग छह करोड़ ब्राज़िल में, दो करोड़ अर्जेंटीना में तथा लगभग साढ़े चार करोड़ ऐंडीज पर्वतीय प्रदेशों में निवास करती है। यहाँ के अन्य प्रसिद्ध नगरों में बोगोटा, कारेकास, ज़ॉर्जटाउन, पैरामैरिबो, काइएन, कीटो, लीमा, ला पास, सूक्रे, ब्रेसिलिया, आसूनस्यॉन, सानट्यागो, बालपराइयो आदि हैं।

दक्षिणी अमरीका के निवासियों में मूल आदिवासी (रेड इंडियन), यूरोपवासी (स्पेनी, पुर्तगाली आदि) और नीग्रो हैं। मूल आदिवासियों की कुल जनसंख्या लगभग एक करोड़ है, यूरोप वासियों की कुल संख्या लगभग साढ़े चार करोड़ है। नीग्रो मूलत: अफ्रीका के निवासी हैं। इनके पूर्वजों को अफ्रीका से गुलाम के रूप में यहाँ लाया गया था।

दक्षिणी अमरीका में यातायात के प्रमुख साधन नदियाँ, सड़कें, वायुमार्ग और समुद्रीं मार्ग हैं। पर्वतीय और पठारी प्रदेशों के विस्तार के साथ साथ विषुवत्‌ रेखीय घने जंगलों की दुर्गमता के कारण महाद्वीप का अधिकतर भाग यातायात के साधनों से विहीन है। महाद्वीप के आयात निर्यात में समुद्री मार्गों का विशेष स्थान है। तटीय प्रदेशों के अंतर्क्षेत्रीय व्यापार में इसका उपयोग होता है। रेलों का भी विकास हुआ है। इस महाद्वीप के लिये वर्तमान युग में वायुमार्ग का अधिक महत्व है। सानट्यागों से उत्तर पश्चिमी किनारे के प्रमुख नगर वायुमार्ग से जुड़े हुए हैं।

अंतर्देशीय संबंध की दृष्टि से यहाँ सड़कों का महत्व कम है। धरातल की विषमता के कारण सड़कों का विस्तार अधिक नहीं हो सका है, केवल मैदानी भागों में कुछ सड़कों का निर्माण हुआ है।

दक्षिण अमरीका कहवा, कपास, गेहूँ, खाल तथा चमड़ा, जमाया हुआ दूध, मांस, तंबाकू, चाय, सोना, चाँदी, रबर, चीनी, ताँबा, आदि का निर्यात करता है। मशीनें, कपड़े, लोहे और इस्पात के सामान, चावल, सूखे फल, आटा, ऊनी वस्त्र, तेल, कोयला, रसायनक, तथा दवाओं का आयात करता है। इसका व्यापारिक संबंध संयुक्त राज्य अमरीका, ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जापान, बेल्जियम, कैनाडा, नीदरलैंड आदि देशों से है। [नर्मदेवर प्रसाद]

Hindi Title


विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)




अन्य स्रोतों से




संदर्भ
1 -

2 -

बाहरी कड़ियाँ
1 -
2 -
3 -