दमण को 30 मई 1987 को गोवा से अलग करके केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था। उत्तर में कोलक नदी और दक्षिण में कलई नदी से दमण की सीमाएं बनती हैं। ठीक मध्य में बहने वाली नदी, दमणगंगा, दमण प्रदेश को दो भागों में विभक्त करती हुई समुद्र में जा मिलती है। लगभग 50 हजार जनसंख्या के इस प्रदेश में मछुआरे, ईसाई और पुर्तगाली लोग ही मुख्यतः रहते हैं। बरगद, ताड़ व नारियल आदि के ऊंचे-ऊंचे पेड़ो से हरा-भरा दमण प्रकृति के बहुत निकट है। मानसूनी नदियां जब नए पानी के साथ समुद्र में मिलती हैं तो समुद्र तेज हिलोरों के साथ उग्र रूप धारण कर लेता है। दमणगंगा में नौका दौड़ प्रतियोगिताएं, महिलाओं की दुल्हन श्रृंगार स्पर्धाएं आदि अनेकानेक सांस्कृतिक कार्यक्रम, पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
कहा जाता है कि कृष्णा, सावित्री, गायत्री ककुछती एवम् वण्या इन पांचों नदियों का उद्गम गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर से है। महाबलेश्वर लिंग-मूर्ति पर रुद्राक्ष के समान सुराख दिखलाई देते हैं। उन छिद्रों से लगातार जल निकलता रहता है जो नदियों का उद्गम कहलाता है।
महाबलेश्वर से कुछ दूर ही कोटितीर्थ है। इसके पास ताम्रचल नामक पहाड़ी से ताम्रपर्णी नदी निकली है। नदी के पास ताम्रगौरी का छोटा सा मंदिर है। उसके उत्तर में रुद्रभूमि नामक स्थल है। कहते हैं पाताल से रुद्र भगवान इसी स्थान पर निकल कर खड़े हुए थे।
कोलकाता की हुगली नदी, चेन्नई की अडियार नदी, औरंगाबाद की काउस नदी, जम्मू की तवी नदी, हैदराबाद की मूसी नदी भारत की प्रमुख नदियों में हैं।
कहा जाता है कि कृष्णा, सावित्री, गायत्री ककुछती एवम् वण्या इन पांचों नदियों का उद्गम गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर से है। महाबलेश्वर लिंग-मूर्ति पर रुद्राक्ष के समान सुराख दिखलाई देते हैं। उन छिद्रों से लगातार जल निकलता रहता है जो नदियों का उद्गम कहलाता है।
महाबलेश्वर से कुछ दूर ही कोटितीर्थ है। इसके पास ताम्रचल नामक पहाड़ी से ताम्रपर्णी नदी निकली है। नदी के पास ताम्रगौरी का छोटा सा मंदिर है। उसके उत्तर में रुद्रभूमि नामक स्थल है। कहते हैं पाताल से रुद्र भगवान इसी स्थान पर निकल कर खड़े हुए थे।
कोलकाता की हुगली नदी, चेन्नई की अडियार नदी, औरंगाबाद की काउस नदी, जम्मू की तवी नदी, हैदराबाद की मूसी नदी भारत की प्रमुख नदियों में हैं।
Hindi Title
दमणगंगा नदी
अन्य स्रोतों से
संदर्भ
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