गर्मियों का मौसम आते ही पानी की किल्लत देश भर के कई हिस्सों में शुरू ही जाती है और इससे निपटने के लिए सरकार भी लगातार प्रयास करती रहती है ऐसा ही एक प्रयास उत्तराखंड सरकार ने भी किया है भूजल के गिरते स्तर और पानी के संकट से निपटने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सबसे बेहतर विकल्प है। सरकार भी इसको लेकर गंभीर नजर आ रही है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग को सरकारी और निजी भवनों में प्रभावी ढंग से लागू करने की योजना है। इसके लिए उत्तराखंड जल संस्थान ने कसरत भी शुरू कर दी है। पहले फेज में दून के 110 सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जा चुका है। कई अन्य सरकारी भवनों में यह सिस्टम लगाने की प्रक्रिया चल रही है ।
पानी को बचाना है तो हमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपनाना ही होगा क्योंकि बरसात के मौसम में जो पानी बरसता है वो ज्यादातर युही बरबाद हो जाता है इसलिए यह जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं है की पानी को सरंक्षित किया जा सके बल्कि आमजन को भी इसमें योगदान देना होगा ताकि हम अपने कल को और बेहतर बना सके हालांकि, सरकार से भरपूर सहयोग मिलने पर ही जल संरक्षण के इस प्रयास को धरातल पर उतारा जा सकता है ।
फिलहाल राजधानी देहरादून से रेन वाटर हार्वेस्टिंग की शुरुआत की गई है। यहां पहले चरण में इस प्रोजेक्ट पर करीब 10 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग 250 से 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में की जा सकती है। आमजन को भी भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा इसके लिए उन्हें पानी के बिल में राहत देने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।
जल संस्थान इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रहा है।सचिवालय, तहसील, यमुना कॉलोनी स्थित सरकारी भवन, विधानसभा, रिंग रोड स्थित सरकारी भवन, कुछ सरकारी स्कूल आदिजल संस्थान के एमडी निलिमा गर्ग ने बताया कि शासन से मंजूरी के बाद देहरादून में 110 भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किया जा चुका है। अभी कई अन्य सरकारी भवनों में भी यह सिस्टम स्थापित किया जाना है। निजी भवनों में भी यह सिस्टम लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
हालांकि, एमडीडीए की ओर से भवन निर्माण में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य किए जाने से ही यह मुहिम साकार होगी उत्तराखंड जल संस्थान के जीएम आरके रोहिला बताते है कि देहरादून के बाद हम इस स्कीम को अन्य जिलों में भी लागू करेंगे और जैसे ही फण्ड आता है इसे अन्य जिलों में शुरू कर दिया जाएगा वही आम लोग भी अगर पानी को संरक्षित करने चाहते है तो जल संस्थान जरूर उनकी मदद करेगा लेकिन एक बात तो साफ है कि पानी की किल्लत को देखते हुए जल संस्थान का ये कदम सराहनीय है और देखना होगा कि समाज की हिट में ये कदम कितनी बड़ी क्रांति लाता है लेकिन आम लोगो को भी ये समझना होगा कि जल संस्थान की तरह वो भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग के क्षेत्र में काम करे जिससे कि उनको भी कई फायदे होंगे और सरकार के साथ मिलकर पानी की समस्या से पर पाएंगे