संलक्षणीः
यह शब्द विभिन्न अर्थों में प्रयुक्त होता है। इसलिए इसकी परिभाषा देना कठिन है। सामान्यतः संलक्षणी शब्द किसी भू-द्रव्य संहति के उस पहलू या रूप को लक्षित करता है जो अपने आसपास के पदार्थ से एक या अनेक रूपों में भिन्न होता है। जिन लक्षणों के आधार पर संलक्षणयों का नामकरण किया जाता है या उन्हें पहचाना जाता है वे सामान्यतः न्यूनाधिक रूप से स्वेच्छापूर्वक चुने जाते हैं और वे या तो आश्मिक (अश्म-संलक्षणी) होते हैं या जैविक (जैव-संलक्षणी)।