अग्रभूमिः
(क) समुद्र के भीतर निकला हुआ भूमि का एक न्यूनाधिक रूप से बृहत् क्षेत्र।
(ख) वलित पर्वत श्रेणियों में तीन भाग स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ते हैः
1. दृढ़ भाग जिस पर वलन क्रिया का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
2. वलित होने वाला भाग।
3. वह भाग जहां वलन क्रिया का प्रभाव बहुत कम हो जाता है और अंततोगत्वा वह भ्रंशन के रूप में समाप्त हो जाता है। पर्वत श्रेणी का यह पार्श्व जिस तरफ प्रतिवलन (overturned folds) झुके होते हैं, अग्रभूमि कहलाता है जोकि या तो अवलित संहति हो सकती है या ह्लासमान क्रिया-क्षेत्र।