प्रकृति की सुंदरता की छवि के लिए जैसलमेर की झील भी दर्शनीय है। चारों ओर फैली धूसर पहाड़ियों और सड़कों के संग-संग चल रहे झील के पानी का बड़ा ही खूबसूरत दृश्य देखने को मिलता है।
जैसलमेर में सलेम सिंह की हवेली में लगी इस गढ़सिसर नामक रमणीय झील के अतिरिक्त भी अनेक छोटी-छोटी झीलें हैं। लेकिन गढ़सिसर झील पर्यटन की दृष्टि से देखें तो हरे-भरे वृक्षों से आच्छादित बहुत प्रभावित करती है। जैसलमेर जैसे रेगिस्तान में पानी के इस विशाल जल-भंडार को देखकर आश्चर्यचकित रह जाते हैं। विक्रम संवत् 1391 में इस झील का निर्माण महारावल घड़सी ने कराया था। जनता ने भी इसके निर्माण में पूरा सहयोग दिया था। झील के विशाल द्वार का निर्माण एक वेश्या तीलो ने कराया था। जन साधारण के विरोध को देखते हुए महारावल घड़सी ने उसे गिरा देना चाहा तो तीलों ने उस पर शिव मंदिर का निर्माण करा दिया। झील के किनारे अन्य कई घाट व मंदिर आदि भी बने हुए हैं।
जैसलमेर में सलेम सिंह की हवेली में लगी इस गढ़सिसर नामक रमणीय झील के अतिरिक्त भी अनेक छोटी-छोटी झीलें हैं। लेकिन गढ़सिसर झील पर्यटन की दृष्टि से देखें तो हरे-भरे वृक्षों से आच्छादित बहुत प्रभावित करती है। जैसलमेर जैसे रेगिस्तान में पानी के इस विशाल जल-भंडार को देखकर आश्चर्यचकित रह जाते हैं। विक्रम संवत् 1391 में इस झील का निर्माण महारावल घड़सी ने कराया था। जनता ने भी इसके निर्माण में पूरा सहयोग दिया था। झील के विशाल द्वार का निर्माण एक वेश्या तीलो ने कराया था। जन साधारण के विरोध को देखते हुए महारावल घड़सी ने उसे गिरा देना चाहा तो तीलों ने उस पर शिव मंदिर का निर्माण करा दिया। झील के किनारे अन्य कई घाट व मंदिर आदि भी बने हुए हैं।
Hindi Title
गढ़सिसर झील
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