गंगा का अस्तित्व समाप्ति की ओर

Submitted by Hindi on Mon, 06/27/2011 - 17:44
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गंगा आह्वान


सतयुग में राजा भागीरथ की तपस्या से भगवान शंकर की जटाओं से अवतरित होकर धरती पर आई गंगा आज अपनी पवित्रता को खोती जा रही है। आचमन के लायक भी इसका पानी नहीं बचा। खेती कि सिंचाई के योग्य बी अब पानी नहीं रहा। इसका कारण ऑक्सीजन की कमी एवं लोकल कोलिफार्म की मात्रा का अधिक होना है, जो बताया है कि गंगा में नुकसानदायक जीवाणुओं की मात्रा अधिक है।
 

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