गंगा किनारे अवैध खनन पर डीएम से एनएमसीजी ने मांगी पूरी रिपोर्ट

Submitted by RuralWater on Wed, 05/01/2019 - 12:42

बिपिन उनियाल, अमर उजाला, हरिद्वार। 01 मई, 2019

हरिद्वार जिले में गंगा किनारे अवैध खनन की शिकायतों पर नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) खासा नाराज है। मिशन की नाराजगी की वजह समय-समय पर दिए गए निर्देशों के अमल में कोताही से जुड़ी है। मिशन के डायरेक्टर जनरल राजीव रंजन मिश्रा ने हरिद्वार जिला प्रशासन से इस संबंध में रिपोर्ट तलब की है।

गंगा किनारे अवैध खनन की शिकायतों पर वस्तुस्थिति बताते हुए दस मई 2019 तक रिपोर्ट देने लिए कहा गया है। हरिद्वार जिला प्रशासन से ये भी कहा गया हैं कि उसने छह महीने में कितनी बार निरीक्षण किया है। उस निरीक्षण के क्या नतीजे निकले, उसकी रिपोर्ट बुधवार तक भेजना सुनिश्चित करें। जिला प्रशासन की भूमिका से खफा मिशन ने यहां तक कह दिया कि अगर निर्देशों पर अमल में कोई चूक होती है, तो इसके लिए सिर्फ डीएम उत्तरदायी होेंगे। जिला प्रशासन से इस मामले में चौकस रहने लिये कहा गया है।

हरिद्वार के डीएम दीपक रावत ने इस मामले पर कहा, ‘मिशन के डीजी का पत्र मिला है, तीन बिंदुओं में इसका जिक्र है। मैं साफ कर देना चाहता हूं कि रायवाला से भोगपुर तक खनन के कोई पट्टे नहीं दिये गये हैं। जहां तक कार्रवाई का सवाल है, विभिन्न मामलों में 95 करोड़ रुपये तक की पेनाल्टी लगाई गई है। अलग-अलग स्तर पर मामले लंबित हैं। स्टोन क्रशर के संबंध में राज्य की माइनिंग पॉलिसी के तहत कार्रवाई की हुई है। बफर जोन से संबंधित सुझाव राज्य सरकार को दिया गया हैं, उस पर कार्रवाई शासन को ही करनी है। मैं इतना कह सकता हूं कि मेरे लगभग दो वर्ष के कार्यकाल में अवैध खनन पर पूरी सख्ती बरती गई है।’

जिला प्रशासन से नाराजगी की वजह

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने खनन की शिकायतों के संबंध में 21 दिसंबर 2018 को नई दिल्ली में बैठक की थी। इस बैठक में शिकायतकर्ताओं और उत्तराखंड सरकार के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था। उत्तराखंड सरकार का कोई भी प्रतिनिधि इसमें शामिल नहीं हुआ था। 

बाद में सीपीसीबी ने उत्तराखंड सरकार का पक्ष मंगवा लिया था। 23 अप्रैल 2019 को जारी किये गये आदेश में कहा गया था कि वह अवैध खनन के मामले में मातृ सदन संस्था की शिकायतों पर जांच कर कार्रवाई करें। अब जिला प्रशासन से दस मई 2019 तक संबंधित क्षेत्रों की असल स्थिति को सामने रखती हुई रिपोर्ट सीपीसीबी और एनएमसीजी को भेजने के निर्देश जारी किये हैं। मिशन को इस बात से नाराजगी है कि अवैध खनन पर कार्रवाई के लिए उसके स्तर पर दिये 9 अक्टूबर 2018 को दिये गये निर्देशों पर अमल के संबंध में उसे कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।

मिशन के जिला-प्रशासन को निर्देश

यह सुनिश्चित करें कि उत्तराखंड सरकार ने रायवाला से भोगपुर तक गंगा किनारे जहां पर खनन प्रतिबंधित किया हुआ है, वहां पर सख्ती से इस पर प्रतिबंध लागू है। साथ ही अवैध खनन पर रोक एनजीटी के आदेश संख्या 102015 दिनांक 15 अप्रैल 2015 के अनु-पालन में कार्रवाई हो रही है।

  • रायवाला से भोगपुर तक के क्षेत्र में स्टोन क्रेशर आदि के संचालन के संबंध में डीएम हरिद्वार तत्काल प्रभाव से जरूरी आदेश जारी करें।
  • अवैध खनन पर कार्रवाई के निर्देश पर कितना अमल हुआ है, इसकी त्रैमासिक रिपोर्ट एनएमसीजी को भेजना सुनिश्चित किया जाए।
  • अवैध खनन को रोकने के लिए छह महीने में कितने निरीक्षण हुए, उसकी जानकारी उपलब्ध कराएं। वो इलाके चिन्ह्रित करें, जहां पाबंदी होने के बावजूद शिकायतें आ रही हैं।
  • पुलिस को साफ निर्देश दें कि अवैध सामग्री को तुरंत जब्त करें और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करें।