गंगा को राष्ट्रीय नदी का दर्जा मिलेगा

Submitted by birendrakrgupta on Sat, 04/11/2015 - 07:54
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योजना, दिसम्बर 2008
प्रधानमन्त्री की अध्यक्षता में गंगा कार्य योजना की समीक्षा बैठक में फैसला प्रदूषण मुक्त करने के लिए होगा गंगा नदी घाटी प्राधिकरण का गठन।गंगा भारतवासियों के दिल में बसती है। इतिहास के आरम्भ से ही इसने करोड़ों देशवासियों को अपने तटों की ओर आकर्षित किया है। इसके उद्गम स्थल गोमुख से लेकर बंगाल की खाड़ी में इसके विसर्जन तक, अतीत से लेकर वर्तमान तक गंगा की कथा भारत की सभ्यता और संस्कृति, साम्राज्यों के उत्थान और पतन, महान और गौरवशाली नगरों की कथा के साथ-साथ मनुष्य के साहस और शौर्य की कथा है। − पं. जवाहरलाल नेहरु

केन्द्र सरकार ने पतित पावन गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करने का फैसला किया है। साथ ही देश के करोड़ों लोगों की आस्था की प्रतीक इस नदी को प्रदूषण और अन्य समस्याओं से बचाने के लिए गंगा नदी घाटी प्राधिकरण के गठन का भी निर्णय लिया गया है।

गंगा कार्य योजना की समीक्षा के लिए प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मंगलवार को ये निर्णय लिए गए। प्रस्तावित प्राधिकरण प्रधानमन्त्री की अध्यक्षता में गठित होगा तथा उन राज्यों के मुख्यमन्त्री इसके सदस्य होंगे जिनसे होकर गंगा नदी गुजरती है।

प्राधिकरण की रूपरेखा और अधिकारों का निर्धारण राज्य सरकारों व केन्द्रीय मन्त्रियों से चर्चा के बाद होगा। गंगा के संरक्षण और प्रदूषण प्रबन्धन के विविध पहलुओं पर कार्यरत विभिन्न एजेंसियों को इस प्राधिकरण के तहत एक साथ लाया जाएगा। प्रधानमन्त्री ने निर्देश दिया कि जरूरी व्यापक चर्चा के बाद विस्तृत अन्तिम प्रस्तावों को दो माह के भीतर तैयार कर लिया जाए।

बैठक में मौजूद विभिन्न राज्यों के जल संसाधन, पर्यावरण, वन और शहरी विकास मन्त्रियों को सम्बोधित करते हुए प्रधानमन्त्री ने कहा कि नदियों की साफ-सफाई के लिए नये संस्थागत तन्त्र के तहत एक मॉडल कायम करने की जरूरत है। बैठक में यह भी महसूस किया गया कि 1985 में तत्कालीन प्रधानमन्त्री राजीव गाँधी द्वारा परिकल्पित गंगा कार्य योजना को जन आन्दोलन में बदलने की भावना बहाल की जाए।

प्रधानमन्त्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए अब तक चुनिन्दा शहरों में आंशिक तौर पर प्रयास किए गए हैं, लेकिन अब इस दिशा में एकीकृत प्रयास होने चाहिए।

गंगा कार्य योजना पर एक नजर


1. गंगा हिमालय में गंगोत्री से निकलकर बंगाल की खाड़ी तक 2,500 किलोमीटर से अधिक का रास्ता तय करती है।
2. गंगा 29 शहरों और 48 कस्बों से गुजरती है।
3. पर्यावरण विभाग ने गंगा का प्रदूषण घटाने के लिए दिसम्बर 1984 में यह योजना बनाई थी।
4. कैबिनेट ने इस योजना को अप्रैल 1985 में मंजूरी दी थी।