गया पेड़ जब बकुला बैठा

Submitted by Hindi on Thu, 03/25/2010 - 09:10
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घाघ और भड्डरी

गया पेड़ जब बकुला बैठा। गया गेह जब मुड़िया पैठा।।
गया राज जहँ राजा लोभी। गया खेत जहँ जामी गोभी।।


शब्दार्थ- मुड़िया-संन्यासी।

भावार्थ- जिस पेड़ पर बगुला बैठता हो, जिस घर में संन्यासी का आना-जाना हो, जिस राज्य का राजा लोभी हो और जिस खेत में गोभी (एक प्रकार की घास) जमने लगे, इन सब को नष्ट हुआ ही समझना चाहिए।

इसका एक अन्य रूप भी मिलता है-

गइल खेत जब जामलि गोभी गइल गाँव जहँ ठाकुर लोभी।
गइल मठ जब रंडी पइठल गइल पेड़ जब बकुला बइठल।।