• घाघरा नदी गंगा नदी की मुख्य सहायक नदी है। यह दक्षिणी तिब्बत के ऊँचे पर्वत शिखर हिमालय से निकलती है। इसके बाद यह नेपाल से होकर बहती हुई भारत के उत्तर प्रदेश एवं बिहार में प्रवाहित होती है।
• इस नदी का उदगम तिब्बत के पठार पर स्थित मापचांचुगों हिमनद से होता है। जो कि तालाकोट से लगभग 37 किलोमीटर उत्तर पश्चिम की ओर स्थित है। यह नदी पर्वतीय प्रदेश में करनाली और मैदानी प्रदेश में घाघरा कहलाती है।
• इसे सरयू नदी के नाम से भी जाना जाता है।
• मैदानी भाग में यह नदी दो उपशाखाओं में विभाजित हो जाती है।
o पश्चिमी शाखा
o पूर्वी शाखा
इसकी पश्चिमी शाखा करनाली और पूर्वी शाखा को शिखा कहते हैं। आगे चलकर ये पुनः एक हो जाती हैं।
• लगभग 970 किमी की यात्रा के बाद छपरा (बिहार) के निकट यह नदी गंगा में मिल जाती है।
• इसकी कुल लंबाई 1080 किमी. है।
• शिवालिक पहाड़ियों में घाघरा नदी की घाटियों की चौड़ाई 180 मीटर एवं गहराई 600 मीटर से भी अधिक है।
• इन नदी घाटियों में पर्वतीय क्षेत्र से टीला, सेती, बेरी, आदि नदियाँ आकर मिलती हैं।
• गोरखपुर के निकट राप्ती एवं छोटी गण्डक नदियाँ इसमें आकर मिल जाती है।
• इस नदी का उदगम तिब्बत के पठार पर स्थित मापचांचुगों हिमनद से होता है। जो कि तालाकोट से लगभग 37 किलोमीटर उत्तर पश्चिम की ओर स्थित है। यह नदी पर्वतीय प्रदेश में करनाली और मैदानी प्रदेश में घाघरा कहलाती है।
• इसे सरयू नदी के नाम से भी जाना जाता है।
• मैदानी भाग में यह नदी दो उपशाखाओं में विभाजित हो जाती है।
o पश्चिमी शाखा
o पूर्वी शाखा
इसकी पश्चिमी शाखा करनाली और पूर्वी शाखा को शिखा कहते हैं। आगे चलकर ये पुनः एक हो जाती हैं।
• लगभग 970 किमी की यात्रा के बाद छपरा (बिहार) के निकट यह नदी गंगा में मिल जाती है।
• इसकी कुल लंबाई 1080 किमी. है।
• शिवालिक पहाड़ियों में घाघरा नदी की घाटियों की चौड़ाई 180 मीटर एवं गहराई 600 मीटर से भी अधिक है।
• इन नदी घाटियों में पर्वतीय क्षेत्र से टीला, सेती, बेरी, आदि नदियाँ आकर मिलती हैं।
• गोरखपुर के निकट राप्ती एवं छोटी गण्डक नदियाँ इसमें आकर मिल जाती है।
Hindi Title
घाघरा नदी
संदर्भ