घोंची देखै ओहि पार

Submitted by Hindi on Wed, 03/24/2010 - 10:21
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घाघ और भड्डरी

घोंची देखै ओहि पार।
थैली खोलै यहि पार।।


भावार्थ- आगे मुड़े सींग वाला बैल यदि नदी के उस पार दिखायी पड़े तो उसे खरीदने के लिए इसी पार से पैसे की थैली खोल लेनी चाहिए अर्थात् यदि महँगा मिले तो भी खरीद लेना चाहिए।

इस कहावत का एक अन्य रूप भी मिलता है-

ओही पार जब देखिह मैना।
एही पार से फेंकिह बैना।।


भावार्थ- यदि मैन (आगे मुड़े सींग) बैल नदी के दूसरे किनारे पर दिखे तो उसका बयाना इस पार से ही कर देना चाहिए।