1. तल-संतुलित 2. श्रेणीकृतः
1. शब्द का प्रयोग उस सरिता के लिए किया जाता है जो अपने द्वारा निर्मित ढाल पर बहती है और उसमें या ढाल केवल इतना होता है कि उसके ऊपर से नदोढक मात्र ले जाया जा सकता है। यद्यपि तल संतुलित सरिता में अपरदन और निक्षेपण दोनों ही पाए जा सकते है परन्तु ये दोनों सुसंतुलित होते हैं जिससे तली के ढाल का सामान्य संतुलन बना रहता है।
2. उन पदार्थों के संदर्भ में जो कणों में विभक्त है या जिन्हें कणों में विभाजित किया जा सकता है, इस शब्द के दो अर्थ हैं। दोनों ही अर्थ सामान्य प्रयोग के हैं परन्तु विपरीतार्थक हैः-
(क) (भूविज्ञान) अनिवार्यतः एक समान साइज़ वाले कणों से निर्मित ।
(ख) (इंजीनियरी) अनेक साइज़ों के कणों से निर्मित।