ग्रामीण क्षेत्रों में मल अपशिष्ट प्रबंधन पर ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम 

Submitted by Shivendra on Mon, 10/05/2020 - 11:53

भारत में पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में शौचालयों का निर्माण किया गया है। लेकिन, क्या इससे हमारे ग्रामीण क्षेत्रों की स्वच्छता समस्याएं खत्म हो जाएंगीं ? जवाब है, नहीं, हमने शौचालय का निर्माण किया है, लेकिन इसके साथ ही, ठोस और तरल कचरे के निपटारे का मुद्दा भी पूरे विश्व के सामने आ खड़ा हुआ है । यह कचरा अगर हमारे भूजल संसाधनों में मिल जाएगा या जल निकायों मिल जायेगा या ऐसे ही खुले में पड़ा रहेगा तो इससे नए स्वास्थ्य और पर्यावरणीय सम्बंधित कतरे पैदा हो सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अपशिष्ट उत्पादन बड़ा मुद्दा है क्यूंकि यह बहुत तेजी से हो रहा है और यहां प्रमुख रूप से सफाई प्रणाली ऑन साइट पर ही होती है। 

ओएसएस से उत्पन्न कचरे का नियमित रूप से खाली करना, सफाई, परिवहन और उपचार उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि शौचालय का निर्माण। 2019 के संयुक्त निगरानी कार्यक्रम में भी इस पर प्रकाश डाला गया है।

हाल ही के घटनाक्रमों के मद्देनजर इन चुनौतियों के समाधान के लिए सोच-विचार करने की जरूरत है। सीएसई ने "ग्रामीण क्षेत्रों में मल कीचड़ प्रबंधन" पर एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू किया है। यह 30 अक्टूबर 2020 से 12 नवंबर 2020  तक दो सप्ताह का कोर्स है। इस कोर्स में सेल्फ स्टडी, टेक्निकल लर्निंग टूल जैसे प्रेजेंटेशन और ऑडिओज़ और वीडियोज जैसे कार्यक्रम है। प्रशिक्षण ऑनलाइन मंच और चर्चा प्रदान करेगा, क्विज़ और असाइनमेंट इस कार्यक्रम का हिस्सा होंगे। पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को ऑनलाइन बातचीत और एक वेबिनार के माध्यम से विशेषज्ञों से बातचीत करने और सीखने की सुविधा प्रदान करेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिभागियों को ग्रे और काले पानी के प्रबंधन के लिए उपलब्ध तकनीकों के प्रकारों को समझने में सक्षम बनाएगा, उपचारित अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग कैसे करें, शौचालयों के उपयोग को कैसे टिकाऊ बनाया जाए, और जागरूकता और उचित निर्माण के लिए सूचना प्रसार को प्रभावी ढंग से निपटान कैसे किया जा सकता है।

 

इस प्रोग्राम को रजिस्ट्रेशन करने के लिए सम्पर्क करें 

स्वाती भाटिया, कोर्स कोर्डिनेटर 

ईमेल -  swati.bhatiya@cseindia.org, sushmita@cseindia.org

Mobile/whatsapp - +91-9911339540