Gupt-Godavari river in Hindi

Submitted by Hindi on Wed, 01/19/2011 - 11:56
चित्रकूट से बीस किलोमीटर की दूरी पर विंध्य पर्वतमाला में दो गुफाओं में से दो जल-धाराएं फूटती हैं। ऊपर की गुफा का जल एक कुंड में गिरता है उसे सीता कुंड कहते हैं। दूसरी गुफा कुछ नीचे है, इस गुफा में एक जलधारा प्रवाहित होती है। गुफा संकरी होती हुई बंद हो जाती है। जहां गुफा बंद होती है वहीं से पानी आता है और कुछ दूर बहने के बाद वह जल एक पीपल के वृक्ष के पास पहुंचकर गुप्त हो जाता है, इसलिए इसे गुप्तगोदावरी के नाम से पुकारा जाता है।

गुप्तगोदावरी से पांच किलोमीटर दूर विंध्य पर्वत मालाओं के बीच से मंदाकिनी नदी के तट पर ऋषि अत्रि का आश्रम है। यहां पर पर्वत की तलहटी से अनेक जल-धाराएं बहकर नदी का रूप लेती हैं। इसे मंदाकिनी का नाम दिया गया है।

अत्रि की पत्नी अनसुइया बहुत तपस्वनी थी। जब अत्रि ऋषि ने इस स्थान पर आश्रम की स्थापना की तो उन्हें बोध हुआ कि गंगा स्नान होना संभव नहीं हो पाएगा, तब ऋषि पत्नी अनसुइया ने गंगा को आव्हान करने के लिए कठिन तपस्या की। गंगा मां अनसुइया के तप से प्रसन्न होकर इस स्थान पर प्रकट हुईं।

Hindi Title

गुप्त गोदावरी


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संदर्भ
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