नैनीताल हाईकोर्ट ने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रदेश में ऐसे फैक्ट्रियों की जांच के आदेश दिए हैं जो प्रदूषण फैला रही हैं। साथ ही जांच रिपोर्ट को 10 जून तक कोर्ट में पेश करने का आदेश भी जारी किया है। इसके बाद इस मामले की अगली सुनवाई 13 जून को की जाएगी उसी समय जांच रिपोर्ट अदालत में पेश की जाएगी। इससे पहले भी अदालत इस मामले में आदेश दे चुकी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति एनएस धानिक की संयुक्त खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की।
25 अप्रैल को प्रदूषण बोर्ड के अधिवक्ता ने करीब 323 फैक्ट्रियों की सूची कोर्ट में सूची पेश की थी
कोर्ट के पूर्व आदेश पर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस मामले को लेकर अदालत में रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट में 323 फैक्ट्रियों को रेड जोन में बताया गया है। मतलब इन फैक्ट्रियों के स्तर पर प्रदूषण बोर्ड के मानकों को पूरा नहीं किया जा रहा है। बोर्ड ने 17 फैक्ट्रियों को बंद करने का नोटिस देने की जानकारी दी थी। इन 323 में से 150 फैक्ट्रियों की एक बार फिर जांच कर ली गयी है। शेष बची फैक्ट्रियों की जांच की जा रही है। इस पर अदालत ने 10 जून को रिपोर्ट पेश करने को कहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से पिछली सुनवाई में मानकों को पूरा नहीं करने वाले फैक्ट्रियों को बंद करने में पुलिस व प्रशासन का सहयोग नहीं मिलने की बात बात कही थी। जिसे कोर्ट ने अवमानना माना था।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति एनएस धानिक की संयुक्त खंडपीठ मामले की सुनवाई कर रही है
जनहित याचिका पर अगली सुनवाई 13 जून को
ऊधमसिंह नगर के निवासी हिमांशु चंडोला ने इस मामले में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर किया था। इसके मुताबिक ऊधमसिंह नगर में लगभग 27 फैक्ट्रियों से वायु व जल प्रदूषण हो रहा है। जिसकी वजह से वहां के कई लोग हेपेटाइटिस से ग्रसित हुए हैं तथा उनकी मौत तक हो गयी है। दायर याचिका में यह भी कहा गया कि इन फैक्ट्रियों का प्रदूषित पानी खेतों तक पहुँच रहा है। जिसके कारण वहां की कृषि भूमि खेती के लिए भी सुरक्षित नहीं रह गयी है।