हमारी सोच से भी ज्यादा पर्यावरण का ख्याल रखते हैं वृक्ष

Submitted by Hindi on Fri, 10/22/2010 - 16:08
Source
अमर उजाला कॉम्पैक्ट, 22 अक्टूबर 2010

पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने में वृक्ष अहम योगदान देते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि वृक्ष पहले किए गए शोध से निकले परिणाम से तीन गुना अधिक पर्यावरण को पदूषण मुक्त रखते हैं। वृक्ष वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों को अवशोषित कर उन्हें वायुमंडल में जाने से रोकते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि शहरों में सामान्य और खतरनाक वायु प्रदूषक अवयवों को वृक्ष आसानी से अवशोषित करते हैं। इसलिए पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए आज अधिक-से-अधिक वृक्ष लगाने की जरूरत है।

वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया कि पौधों में पाए जाने वाला जीन उनके अंदर वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों को अवशोषित करने की क्षमता बढ़ाता है। नेशनल रसर्च सेंटर के प्रमुख शोधकर्ता थोमस कार्ल ने इस शोध के बारे में बताया कि वास्तविक संसार में वृक्षों द्वारा वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों को अवशोषित करने की क्षमता का पता लगाना टेढ़ी खीर थी, लेकिन शोधकर्ताओं ने इसे पूरा किया। इसके लिए शोधकर्ताओं ने घने जंगल का सहारा लिया और 200 पाउंड वजन के वाशिंग मशीन के अकार के स्पेक्ट्रोमीटर का उपयोग किया। शोधकर्ताओं का इस शोध को पूरा करने में सात वर्षों का समय लगा।

शोधकर्ताओं ने इसके लिए एयर सैंपल्स का उपयोग किया। इन सभी सैंपल्स की जांच के बाद उन्होंने बताया कि वृक्ष में वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों को सोखने की क्षमता पहले से प्राप्त जानकारी की तीन गुनी है। कार्ल ने बताया कि जहरीले वाष्पशील कार्बनिक यौगिक ज्वलनशील गैसोलीन, जंगलों की आग आदि के कारण उत्पन्न होते हैं। ये बहुत अधिक जहरीले होते हैं और पर्यावरण के लिए बेहद ही खतरनाक, जिसके कारण इंसान गंभीर बीमारियों की चपेट में आता है।

एक अन्य शोधकर्ता झांग ने बताया कि वाष्पशील कार्बनिक यौगिक की मदद से सेकंडरी ऑर्गेनिक एयरोसोल (एसओए) का निर्माण होता है। यह भी पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक होते हैं और पृथ्वी की सतह को गर्म बनाते हैं। इसके कारण शहरी इलाकों में बड़े स्तर पर बीमारियां फैलती हैं। झांग ने बताया कि इसके कारण होने वाली मौतों की संख्या कार दुर्घटना से भी अधिक है।

नार्थन कोलोराडो ने बताया कि पौधों के जीन वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों को पहचानने में पूरी तरह सक्षम बन चुके हैं और भविष्य में पेड़ों की जितनी अधिक संख्या होगी, उतना ही अधिक जहरीले वाष्पशील कार्बनिक यौगिक का अवशोषण होगा और वातावरण शुद्घ होगा। इसलिए मनुष्यों को पर्यावरण के प्रति सजग होने की जरूरत है और वे अधिक-से-अधिक पेड़ लगाएं।