हरे-भरे वनों से घिरे पहाड़ी ढलान और उन पर सीधी मुद्रा में खड़े ऊंचे वृक्ष कोडाइकनाल आने वाले हर सैलानी को प्रभावित करने लगते हैं। लेकिन यहां का सबसे बड़ा आकर्षण तो कोडाइकनाल झील है। यह विस्तृत झील करीब 24 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है। ऊंचाई से झील का आकार स्टार फिश के समान दिखाई पड़ता है। यहां आने वाले पर्यटक बोटिंग का आनंद जरूर लेते हैं। इसके लिए दो स्थानों पर बोटिंग की व्यवस्था है। एक ओर यह व्यवस्था पर्यटन विभाग द्वारा की गई है तो दूसरी ओर कोडाइकनाल बोट व रोइंग क्लब बोटिंग का संचालन करता है। समूह में आए सैलानी जहां रोइंग बोट या पैडल बोट द्वारा घूमकर झील की खूबसूरती निहारते हैं तो हनीमून युगल शिकारे में बैठे अपनी ही दुनिया में खो जाते हैं। झील के चारों ओर करीब पांच किलोमीटर लंबी सड़क है।
जिस पर घुड़सवारी की जा सकती है या फिर साइकिल द्वारा घूमकर झील के सौंदर्य को विभिन्न दिशाओं से कैमरे में कैद किया जा सकता है। झील के आसपास हर समय रहने वाली रौनक को देख कर यह कहना गलत न होगा कि यह झील कोडाइकनाल का दिल है। झील के निकट ही स्थित ब्रायंट पार्क भी दर्शनीय स्थान है यहां खूबसूरत पर्वतीय फूलों की बहुत सी प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं। ग्लास हाउस में पहुंच जाएं तो पर्यटक अनेक किस्म के आर्किड देख सकते हैं। ब्रायंट पार्क में करीब 160 वर्ष पुराना एक युकलिप्टस वृक्ष भी है जिसकी ऊंचाई लगभग 250 फुट है। पैदल घूमने के शौकीन कोडाइकनाल के ऊंचे-नीचे रास्तों पर कहीं भी घूम सकते हैं लेकिन कोकर्स वॉक नामक स्थान पर उन्हें पहाड़ों की वादियों का अलग ही मंजर नजर आता है।
पहाड़ी ढ़लान पर बने इस घुमावदार मार्ग पर चहलकदमी करते हुए एक ओर मैदानी इलाकों का विहंगम दृश्य दिखाई देता है तो दूसरी ओर पलनी पहाड़ियों के हरे-भरे शोलावन नजर आते हैं। इस स्थान की पहचान कोकर नामक अंग्रेज द्वारा किए जाने के कारण इसका नाम कोकर्स वॉक पड़ गया था। यहां स्थित टेलीस्कोप हाउस से कई अनोखे दृश्य देखने को मिलते हैं। दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय की बहुत मान्यता है। पलनी पहाड़ियों को तो उनका निवास ही कहा जाता है। कोडाइकनाल का कुरिंजी अंदावर मंदिर उन्हीं को समर्पित है। मंदिर के दर्शन करने के उपरांत सैलानी यहां से भी पहाड़ों पर बिखरी प्राकृतिक छटा को निहार सकते हैं। मंदिर से कुछ दूर चेहियार पार्क भी देखने योग्य है। कोडाइकनाल में ऐसे अनेक स्थान हैं जहां से प्रकृति के विभिन्न रूपों का साक्षात्कार किया जा सकता है।
जिस पर घुड़सवारी की जा सकती है या फिर साइकिल द्वारा घूमकर झील के सौंदर्य को विभिन्न दिशाओं से कैमरे में कैद किया जा सकता है। झील के आसपास हर समय रहने वाली रौनक को देख कर यह कहना गलत न होगा कि यह झील कोडाइकनाल का दिल है। झील के निकट ही स्थित ब्रायंट पार्क भी दर्शनीय स्थान है यहां खूबसूरत पर्वतीय फूलों की बहुत सी प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं। ग्लास हाउस में पहुंच जाएं तो पर्यटक अनेक किस्म के आर्किड देख सकते हैं। ब्रायंट पार्क में करीब 160 वर्ष पुराना एक युकलिप्टस वृक्ष भी है जिसकी ऊंचाई लगभग 250 फुट है। पैदल घूमने के शौकीन कोडाइकनाल के ऊंचे-नीचे रास्तों पर कहीं भी घूम सकते हैं लेकिन कोकर्स वॉक नामक स्थान पर उन्हें पहाड़ों की वादियों का अलग ही मंजर नजर आता है।
पहाड़ी ढ़लान पर बने इस घुमावदार मार्ग पर चहलकदमी करते हुए एक ओर मैदानी इलाकों का विहंगम दृश्य दिखाई देता है तो दूसरी ओर पलनी पहाड़ियों के हरे-भरे शोलावन नजर आते हैं। इस स्थान की पहचान कोकर नामक अंग्रेज द्वारा किए जाने के कारण इसका नाम कोकर्स वॉक पड़ गया था। यहां स्थित टेलीस्कोप हाउस से कई अनोखे दृश्य देखने को मिलते हैं। दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय की बहुत मान्यता है। पलनी पहाड़ियों को तो उनका निवास ही कहा जाता है। कोडाइकनाल का कुरिंजी अंदावर मंदिर उन्हीं को समर्पित है। मंदिर के दर्शन करने के उपरांत सैलानी यहां से भी पहाड़ों पर बिखरी प्राकृतिक छटा को निहार सकते हैं। मंदिर से कुछ दूर चेहियार पार्क भी देखने योग्य है। कोडाइकनाल में ऐसे अनेक स्थान हैं जहां से प्रकृति के विभिन्न रूपों का साक्षात्कार किया जा सकता है।
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विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia)
अन्य स्रोतों से
संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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